
पटना। बिहार (Bihar) में वोटर लिस्ट (Voter list) के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special intensive ईevision- SIR) के बाद जारी हुई ड्राफ्ट मतदाता सूची (Draft Voter list) पर चुनाव आयोग (Election Commission) के द्वारा दावा और आपत्तियां मांगी जा रही हैं। इसके 15 दिन पूरे हो गए हैं। इस दौरान कुल 28,370 दावे और आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। इनमें से 857 का निपटारा चुनाव आयोग ने कर दिया है। आयोग ने कहा कि एसआईआर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होने के 15 दिनों के बाद भी अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने कोई भी दावा या आपत्ति प्रस्तुत नहीं की है। वहीं, अब तक 18 साल या उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं से कुल 1,03,703 फॉर्म प्राप्त हुए हैं, जिनमें बीएलए से प्राप्त 6 फॉर्म भी शामिल हैं।
नियमों के अनुसार, संबंधित ईआरओ या एईआरओ द्वारा पात्र दस्तावेजों की जांच के सत्यापन के 7 दिन के बाद दावा और आपत्तियों का निपटारा करना होता है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा कि 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से किसी भी नाम को नहीं हटाया जा सकता है। अगर उसमें से नाम हटाना है तो ईआरओ या एआईआरओ इसकी जांच करेंगे और निष्पक्ष एवं उचित अवसर दिए जाने के बाद आदेश पारित किया जाएगा।
बिहार में आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले चुनाव आयोग वोटर लिस्ट रिवीजन कर रहा है, जिस पर काफी हंगामा भी हो रहा है। पिछले महीने बीएलओ द्वारा घर-घर सत्यापन किए जाने के बाद 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की गई थी। इस पर दावा और आपत्तियां मांगी जा रही हैं। इसके लिए आयोग ने एक महीने का समय दिया है। दावा-आपत्तियों का निपटारा करने के बाद फाइनल वोटर लिस्ट प्रकाशित की जाएगी।
बिहार में चुनाव आयोग की एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में भी मामला विचाराधीन है। शीर्ष अदालत ने बीते गुरुवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वह वोटर लिस्ट से हटाए गए 65 लाख लोगों के नामों की सूची जिला निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर प्रकाशित करे। साथ ही उनके नाम हटाए जाने का कारण भी बताए। अदालत ने आयोग को इसका अखबार, रेडियो, टीवी और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार करने को भी कहा था।
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