
नई दिल्ली । बिहार(Bihar ) में विधानसभा का चुनाव(Assembly Elections) नवंबर में होने के आसार है। चुनाव आयोग (election Commission)के साथ बैठक में राज्य के 11 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों(Political parties) ने शनिवार को विस्तारपूर्वक अपनी बातें रखी। राज्य में दीपावली के बाद छठ महापर्व का आयोजन महत्वपूर्ण होता है। छठ महापर्व इस वर्ष 25 से 28 अक्टूबर तक होगा। छठ महापर्व के दौरान बड़ी संख्या में राज्य के बाहर रहने वाले लोग अपने घर आएंगे। ऐसे में उन्हें भी मतदान में शामिल होने का अवसर मिलेगा।
जदयू: बिहार में चुनाव छठ बाद कराने का सुझाव
जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा के साथ चुनाव आयोग की बैठक में शामिल हुए प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बताया कि बिहार में चुनाव छठ बाद कराने का सुझाव चुनाव आयोग के समक्ष दिया गया है। वहीं, इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल जदयू के पूर्व सांसद अनिल हेगड़े ने बताया कि चुनाव आयोग के समक्ष बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी स्तर पर पांच वाहनों की जगह 20 वाहनों की अनुमति मांगी गई है।
भाजपा: चुनाव घोषणा के 28 दिन बाद हो मतदान
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि आयोग की घोषणा के 28 दिन के बाद ही चुनाव कराया जा सकता है। 3-4 नवंबर को 28 दिन पूरा होता है, इसके तुरंत बाद चुनाव कराया जाए। उन्होंने धार्मिक स्थलों के पास बनाए गए मतदान केंद्रों को बदलने, मतदाता पर्ची सही तरीके से बंटवाने, दियारा एवं टाल क्षेत्रों में घुड़सवार पुलिस बल तैनात करने, चुनाव के एक दिन पूर्व फ्लैग मार्च कराने की मांग की।
राजद: संवेदनशील बूथ चिह्नित कर सूची दें
राजद ने एसआईआर को लेकर सवाल उठाए और 3.66 लाख नाम हटाने की सूचना नहीं देने की बात कही। पार्टी ने प्राथमिकता के आधार पर संवेदनशील बूथों को चिह्नित करते हुए उस पर ध्यान देने और सूची देने की भी मांग की। चुनाव के दौरान व्यक्तिगत टीका-टिप्पणी पर रोक लगाने, फॉर्म 17 सी को तत्काल देने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में सांसद अभय कुशवाहा, राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन और मुख्यालय प्रभारी महासचिव मुकुंद सिंह शामिल थे।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved