
पटना। बिहार (Bihar) में आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से पहले मतदाता सूची (Voter list) के गहन पुनरीक्षण को लेकर राजनीतिक बवाल शांत नहीं हो रहा है। चुनाव आयोग (Election Commission) ने मतदाताओं को यहां तक राहत दे दी है कि बिना फोटो या फिर दस्दावेज संलग्न किए भी बूथ लेवल ऑफिसर के पास फॉर्म जमा करवाए जा सकते हैं। चुनाव आयोग ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि बिहार में स्पेशनल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का काम बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। चुनाव आयोग ने कहा कि प्रथम चरण का काम लगभग पूरा हो गया है।
ECI ने अपने बयान में कहा, एन्यूमरेशन फॉर्म के छापने और बांटने का काम पूरा होने वाला है। 24 जून 2025 को जारी किए गए निर्देशों के मुताबिक ही एसआईआर का काम हो रहा है। इसमें कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। आयोग ने कहा कि 1 अगस्त को ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल जारी कर दिया जाएगा। इसमें उन लोगों का नाम होगा जिनके फॉर्म जमा हो चुके होंगे।
चुनाव आयोग ने बताए, जमा हो गए कितने फॉर्म
चुनाव आयोग ने कहा कि 25 जुलाई 2025 से पहले कभी भी फॉर्म जमा किए जा सकते हैं। वहीं इलेक्टोरल रोल्स का ड्राफ्ट जारी होने के बाद भी अगर कोई दस्तावेज कम होगा तो उसे जमा किया जा सकेगा। चुनवा आयोग ने बताया कि रविवार यानी 06 जुलाई 2025 को शाम 6 बजे तक कुल 1,69,49,208 एन्यूमरेशन फॉर्म जमा हो चुके हैं। यह कुल मतदाताओं का करीब 21.46 फीसदी है।
ECI के मुताबिक बिहार में करीब 7.90 करोड़ मतदाता हैं। 24 घंटे में ही 65 लाख से ज्यादा फॉर्म प्राप्त हुए हैं। फॉर्म जमा करने की आखिरी तारीख में अब 19 दिन बचे हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि 77895 बीएलओ घर-घर पहुंचकर लोगों से फॉर्म भऱवा रहे हैं। बीएलओ मतदाताओं का फोटो लेकर भी तुरंत अपलोड कर देते हैं। प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए 20603 अतिरिक्त बीएलओ को भी लगाया गया है। इसके अलावा एनसीसी कैडेट, एनएसएस और अन्य सरकारी अधिकारी मिलाकर लगभग 4 लाख वॉलंटियर फील्ड में काम कर रहे हैं। एसआईआर की प्रक्रिया में पार्टियों की तरफ से नियुक्त किए गए लगभग 1,54,977 बूथ लेवल एजेंट भी इस काम में मदद कर रहे हैं।
चुनाव आयोग ने बताया है कि 1 अगस्त को मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन होगा। इसके बाद 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियों के लिए समय दिया जाएगा। 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं महुआ मोइत्रा
मतदाता सूची में संशोधन को लेकर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा सुप्रीमकोर्ट पहुंच गई हैं। उन्होंने चुनाव आयोग के इस फैसले को चुनौती देते हुए इसे संविधान का उल्लंघन बताया है। मोइत्रा ने कहा कि यह आदेश अनुच्छेद 14, 19 (1)a, 225 और 328 के खिलाफ है।
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