img-fluid

Bihar elections: तेजस्वी यादव के ‘चुनाव बहिष्कार’ वाले प्लान से कांग्रेस ने किया किनारा? बताया दबाव की रणनीति

July 25, 2025

नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar elections) को लेकर विपक्षी खेमे में खलबली तेज हो गई है. आरजेडी (RJD) नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) द्वारा मतदाता सूची में गड़बड़ियों की आशंका के चलते चुनाव बहिष्कार (boycott elections) का संकेत देने के एक दिन बाद कांग्रेस (Congress) ने आज इस पर नरम लेकिन रणनीतिक रुख अपनाया है. AICC हेडक्वार्टर में पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि इंडिया ब्लॉक के सभी सहयोगी इस मुद्दे (चुनाव बहिष्कार) पर विचार करेंगे और फैसला लेंगे. हमारे लिए सभी विकल्प खुले हैं.

अल्लावरु से पूछा कि क्या इससे मतदाताओं को भ्रम नहीं होगा, तो अल्लावरु ने कहा कि हम मतदाताओं को भ्रमित नहीं कर रहे, बल्कि उन्हें यह समझा रहे हैं कि उनका जनादेश चुराया जा रहा है.


हालांकि कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि तेजस्वी यादव का चुनाव बहिष्कार वाला बयान केवल चुनाव आयोग पर दबाव बनाने के लिए था और इसकी इस तरह से व्याख्या नहीं की जानी चाहिए.

एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ऐसा लगता है कि यह चुनाव आयोग की पक्षपातपूर्ण कार्यशैली को लेकर तेजस्वी यादव की पीड़ा है. उन्होंने चुनाव न लड़ने के विचार को खारिज कर दिया. एक अन्य सूत्र ने कहा कि हाल के सर्वेक्षणों से संकेत मिलता है कि महागठबंधन का वोट शेयर बढ़ रहा है, इसलिए तेजस्वी की टिप्पणी यादव और मुस्लिम वोटों को और मज़बूत करेगी. सूत्रों के मुताबिक चुनाव बहिष्कार कभी भी विकल्प नहीं रहा है.

वोट चुराने के लिए भाजपा के साथ मिला चुनाव आयोग
इससे पहले प्रेस वार्ता के दौरान कृष्णा अल्लावरु ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि वह बिहार के लोगों के वोट चुराने के लिए भाजपा के साथ मिल गए हैं. उन्होंने चुनाव आयोग को चुनौती दी कि हर विधानसभा क्षेत्र में 1000 मतदाताओं की रैंडम जांच की जाए और अगर ये साबित हो जाए कि सत्यापन की प्रक्रिया सही तरीके से हुई है, तो हम SIR (Special Intensive Revision) से सहमत हो जाएंगे.

क्या है मामला?
तेजस्वी यादव ने हाल में संकेत दिया था कि विपक्ष आगामी बिहार चुनाव का बहिष्कार कर सकता है, अगर मतदाता सूची से लगभग 50 लाख नामों को हटाने की प्रक्रिया नहीं रोकी गई. विपक्ष का आरोप है कि यह कवायद चुनाव में गड़बड़ी और पक्षपात की तैयारी है. विपक्षी दलों ने संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की है, लेकिन सरकार ने यह कहकर इनकार कर दिया कि चुनाव आयोग स्वतंत्र संस्था है और यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

Share:

  • सरकारी कर्मचारी अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल के लिए ले सकते हैं 30 दिन की छुट्टी, केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी

    Fri Jul 25 , 2025
    नई दिल्‍ली । केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Minister Dr. Jitendra Singh) ने गुरुवार को बताया कि केंद्र सरकार (Central government) के कर्मचारियों (Employees) को सेवा नियमों के तहत 30 दिन का अर्जित अवकाश (Holiday) मिलता है, जिसे वे वृद्ध माता-पिता की देखभाल सहित व्यक्तिगत कारणों के लिए ले सकते हैं। एक […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved