
डेस्क: भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के संबंध पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) और ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद हुए सैन्य संघर्ष के चलते तनावपूर्व दौर से गुजर रहे हैं. इस बीच पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी (Bilawal Bhutto-Zardari) का एक इंटरव्यू सामने आया है. इंटरव्यू के दौरान भुट्टो-जरदारी ने यह माना की अतीत में पाकिस्तानी समूह भारत के विरुद्ध आतंकवाद में शामिल रहे हैं, लेकिन उन्होंने यह स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि इसमें पाकिस्तान की कोई प्रत्यक्ष भूमिका थी. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान अब बदल चुका है और सरकार ने आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. हालांकि, उन्होंने TRF के सवालों पर चुप्पी साध ली, जबकि यही संगठन पहलगाम हमले के तुरंत बाद जिम्मेदारी लेने का दावा कर चुका था. यही नहीं, पाकिस्तान ने TRF को संयुक्त राष्ट्र में आतंकवादी संगठन घोषित करने की कार्यवाही में भी रुकावट डाली, चाहे वह चीन की मदद से हो या सीधे तौर पर.
बिलावल भुट्टो ने इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान कभी भी जानबूझकर देश के अंदर या बाहर आतंकवादी हमलों की अनुमति नहीं देता. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने अब तक 92,000 से अधिक लोगों को आतंकवाद में खोया है और केवल पिछले साल ही 1,200 नागरिकों की मौत अलग-अलग आतंकी हमलों में हुई. भुट्टो ने इसे पाकिस्तान का सबसे बड़ा आंतरिक युद्ध बताया और यह भी जोड़ा कि वे खुद भी आतंकवाद के शिकार रहे हैं, इसलिए पीड़ितों का दर्द समझते हैं. उन्होंने पाकिस्तान को एक आतंकवाद से पीड़ित देश बताया.
इंटरव्यू में बिलावल भुट्टो से पूछा गया कि आपके देश के पूर्व सेना प्रमुख और राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ ने 25 अक्टूबर 2015 को पाकिस्तानी चैनल, डॉन न्यूज़ में कहा था कि हमने लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन किया और उन्हें कश्मीर में लड़ने के लिए ट्रेंड किया. हाफिज सईद और लकवी हमारे हीरो थे. ठीक उसके चार महीनों बाद 11 फरवरी 2016 को उन्होंने भारत से यही कहा इंटरसर्विसेज़ इंटेलिजेंस ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को प्रशिक्षित किया है. बिलावल ने इस सवाल के जवाब में कहा कि मैं बस इतना कहूंगा कि हमारे देश में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को आतंकवादी समूह माना जाता है. हालांकि, ये आतंकवादी वाला शब्द भी 9/11 के बाद ऐसे समूह के लिए ज्यादातर इस्तेमाल किया जाने लगा. उससे पहले ऐसे समूहों को आजादी के लिए लड़ने वाले लड़ाकों का समूह माना जाता था.
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पाकिस्तान को उसके राज्य प्रायोजित आतंकवाद के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जवाबदेह ठहराया जाएगा. भारत लगातार यह मांग करता रहा है कि 26/11, पुलवामा और अब पहलगाम जैसे हमलों के लिए जिम्मेदार संगठनों और व्यक्तियों पर पाकिस्तान कार्रवाई करे, लेकिन हर बार पाकिस्तान बयान देकर अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करता है.
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