
इंदौर। जंगल और अभयारण्य के बाद अब शहर के अंदर पक्षियों का सर्वेक्षण किया जाएगा। अगले रविवार को होलकर कॉलेज पार्क में पक्षियों की प्रजातियों का सर्वेक्षण और गणना की जाएगी। हमेशा की तरह इस सर्वेक्षण में भी वाइल्ड वारियर्स यानी बर्ड लवर्स संस्थाओं की टीमें शामिल रहेंगी। सर्वेक्षण करने वाली टीम के सदस्यों ने बताया कि अभी तक वन विभाग के जंगलों और रालामंडल अभयारण्य में देशी-विदेशी पक्षियों की गणना सर्वेक्षण चल रहा था, मगर अगले रविवार को होलकर कालेज पार्क में गणना सर्वेक्षण सुबह 6 से 11 बजे तक किया जाएगा। पिछले माह से शुरू होने के बाद रालामंडल, एडवेंचर ईको पार्क और सरदारपुर के बाद यह चौथा सर्वेक्षण होने जा रहा है।
आखिर क्यों होता है पक्षियों का सर्वेक्षण
हर साल वन विभाग के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षक यानी वाइल्ड वॉरियर्स की बर्ड लवर्स संस्थाओं की टीमें देशी-विदेशी प्रजाति के पक्षियों की गणना करती आ रही है। आखिर इसका उद्देश्य क्या है। यह सवाल करने पर वाइल्ड वॉरियर्स ने बताया कि अंधाधुंध विकास और विज्ञान तकनीकों के नए-नए आविष्कार के चलते मौसम सहित जंगल, प्रकृति और पर्यावरण पर बहुत तेजी से नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। हर दिन जंगल सिकुड़ते जा रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा खामियाजा जल, जंगल, जमीन और मानव जाति के अलावा वन्यजीव-जंतु जानवरों सहित पक्षियों पर पड़ रहा है। जंगलों में रहने वाले जानवर और पक्षी अब गांव और शहर में घुसपैठ करने लगे हैं, इसलिए पक्षियों और वन्यजीवों की गणना की जाती है।
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