
नई दिल्ली (New Delhi)। भाजपा (BJP) ने राजस्थान (Rajasthan), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में मुख्यमंत्रियों (Chief Ministers) को चुनने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। भाजपा ने तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त (supervisor appointed) कर दिए हैं, जो आज शाम तक संबंधित राज्यों में पहुंच जाएंगे। राजस्थान के लिए भाजपा ने राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), विनोद तावड़े (Vinod Tawde) और सरोज पांडे (Saroj Pandey) को पर्यवेक्षक बनाया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, के. लक्ष्मण और आशा लखेड़ को पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा रहा है। छत्तीसगढ़ में अर्जुन मुंडा और सर्वानंद सोनोवाल को पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा जा रहा है।
कहा जा रहा है कि इन पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में शनिवार को विधायक दल की मीटिंग होगी। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री का ऐलान हो सकता है। इस मीटिंग में पर्यवेक्षक विधायकों से फीड लेंगे कि आखिर उनकी क्या राय है। इस मीटिंग के बाद केंद्रीय नेतृत्व से सलाह ली जाती है और फिर किसी भी वक्त सीएम फेस का ऐलान हो सकता है। भाजपा बीते कई सालों से यूपी, असम, कर्नाटक समेत कई राज्यों के चुनाव में भाजपा ने बिना सीएम फेस घोषित किए ही चुनाव लड़े हैं। फिर नतीजा आने के बाद विधायक दल की मीटिंग के बाद फैसला लिया जाता रहा है।
इस बार भी इसी परंपरा को आगे बढ़ाया जाएगा। बता दें कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने कई सांसदों और मंत्रियों को लोकसभा चुनाव में उतार दिया था। इनमें से 12 सांसदों और मंत्रियों ने जीत हासिल की है, जिनसे इस्तीफे ले लिए गए हैं। ऐसे में सीएम पद को लेकर रेस और भी रोचक हो गई और कयास तेज हैं। सांसद महंत बालकनाथ, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राकेश सिंह, उदय प्रताप सिंह, रीति पाठक, प्रह्लाद पटेल समेत 12 सांसदों ने अपने पद से इस्तीफे दे दिए हैं। यही वजह है कि चर्चा तेज हो गई है कि इन लोगों में से भी किसी को सीएम बनाया जा सकता है।
क्या तीनों राज्यों में मिलेंगे नए चेहरे, क्यों थम नहीं रहे कयास
राजस्थान में वसुंधरा राजे, मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह पार्टी के बड़े नेता रहे हैं। ऐसे में इनकी जगह किसी और नेता को चुनने का फैसला बहुत आसान भी नहीं होगा। माना जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी सभी राज्यों में नई पीढ़ी का नेतृत्व तैयार करना चाहते हैं। इसलिए फेरबदल पर भी विचार हो सकता है। हालांकि अब तक किसी ने भी इस पर कुछ कहा नहीं है। इसके अलावा किसी नेता ने सीएम पद के लिए खुलकर अपनी दावेदारी भी पेश नहीं की है।
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