
जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) की सात सीटों पर हो रहे विधानसभा उपचुनाव (Assembly By-Elections) में झुंझुनूं, चौरासी और खींवसर सीट पर जोरदार घमासान मचा हुआ है. इन तीनों सीटों (Three Seats) पर जबर्दस्त रोचक मुकाबला बना हुआ है. झुंझुंनूं में जहां निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) की सांसें फूला रखी है. वहीं चौरासी सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) और खींवसर में आरएलपी ने उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर रखी है. इन तीनों ही सीटों पर सूबे का सत्ता पक्ष और विपक्ष बुरी तरह से फंस गया है.
राजस्थान में झुंझुनूं, चौरासी और खींवसर समेत दौसा, देवली उनियारा, सलूंबर तथा रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. इनमें झुंझुनूं, चौरासी और खींवसर सीट पर कड़ा त्रिकोणीय मुकाबला बना रहा है. शेष चारों सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस में सीधी टक्कर है. बीजेपी और कांग्रेस को भी सबसे ज्यादा चिंता इन्हीं तीन सीटों को रही है. लिहाजा वे वहां अपनी-अपनी पूरी ताकत झौंके हुए है. इनके अलावा सलूंबर में भी दोनों पार्टियों को बाप से चुनौती मिल रही है.
झुंझुनूं में निर्दलीय प्रत्याशी राजेन्द्र गुढ़ा वहां कांग्रेस और बीजेपी के पंरपरागत वोट बैंक मुस्लिम, राजपूत और दलित जातियों में सेंधमारी कर रहे हैं. इससे दोनों पार्टियों की नींद उड़ी हुई है. झुंझुनूं सीट पर एक ही परिवार (ओला परिवार) के वर्चस्व को तोड़ने के नारे के साथ वे कांग्रेस के धड़कनें बढ़ाने का काम कर रहे हैं. वहीं राजपूत समाज से सहानुभूति बटोरने के प्रयासों से बीजेपी की सांसें अटकी हुई है.
आदिवासी बाहुल्य इलाके की चौरासी सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी की चमक दमक से बीजेपी और कांग्रेस की आंखें चुंधिया रही है. अपना हक की लड़ाई बताकर BAP वहां आदिवासी युवाओं का रैला बढ़ाती जा रही है. बीजेपी और कांग्रेस वहां अपने-अपने परंपरागत वोट बैंक को बचाने की जुगत भिड़ा रही है. लेकिन बाप के तीखे तेवर कम नहीं हो रहे हैं. पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में आदिवासी बाहुल्य इलाके में जीत का परचम लहरा चुकी बाप का जोश हाई है.
इन दोनों सीटों के अलावा खींवसर सीट पर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) बीजेपी और कांग्रेस को तगड़ी चुनौती दे रही हैं. यह सीट बेनीवाल के दबदबे वाली है. बेनीवाल खुद चार बार इस सीट से जीत चुके हैं. एक बार अपने भाई को जीता चुके हैं. अब उन्होंने अपने पत्नी को इस सीट से उतार रखा है. वे नागौर से दूसरी बार सांसद हैं. इनमें पहली बार वे बीजेपी और दूसरी बार कांग्रेस से गठबंधन कर लोकसभा चुनाव जीते हैं.
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