
भोपाल। दमोह उपचुनाव (Damoh by-election) की हार से सबक लेते हुए भाजपा खंडवा लोकसभा (BJP Khandwa Lok Sabha) और पृथ्वीपुर, जोबट तथा रैगांव विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए अभी से बिसात बिछाना शुरू कर दी है। अभी चुनावों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन कोरोना (Corona) का कहर कम होने से चुनाव होने की उम्मीद बढ़ गई है। इसलिए इन सीटों पर टिकट के दावेदारों की दौड़ भी शुरू हो चुकी है। लेकिन, अभी टिकट के फैसले के पहले सत्ता-संगठन इन इलाकों का पूरा मिजाज भांपना चाहते हैं। इसलिए स्थानीय व प्रभारी मंत्रियों से लेकर संगठन के पदाधिकारियों तक को इन सीटों पर दौरों पर भेजना शुरू कर दिया गया है। सत्ता-संगठन इन सीटों पर टिकट के फैसले से पहले ही पूरी स्थिति का आकलन करना चाहते हैं। इस कारण हर बूथ तक माइक्रो स्टडी (Micro Study) की शुरूआत कर दी गई है।
भाजपा के लिए खंडवा सबसे अहम
फिलहाल सत्ता-संगठन के लिए सबसे अहम खंडवा लोकसभा सीट है। यह सीट पूर्व सांसद नंदकुमार सिंह चौहान (Nandkumar Singh Chauhan) के कोरोना से निधन के चलते खाली हुई है। इस सीट पर नंदकुमार के बेटे हर्ष की दावेदारी है। लेकिन, साथ ही क्षेत्रीय पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस और इंदौर के नेता कृष्ण मुरारी मोघे के नाम भी सामने आए हैं। कांग्रेस से यहां पर पूर्व सांसद अरुण यादव (Arun Yadav) का नाम चल रहा है। भाजपा इस क्षेत्र में मंत्रियों व अन्य नेताओं को सक्रिय कर चुकी है। मंत्री कमल पटेल, ऊषा ठाकुर सहित अन्य यहां दौरे कर चुके हैं। अगले हफ्ते से पार्टी नेताओं के दौरे भी होंगे। यहां टिकट का फैसला सीएम शिवराज सिंह चौहान से सलाह करके उनकी रजामंदी के हिसाब से ही होगा।
तीन सीटों पर रस्साकशी के हालात
उपचुनाव वाली तीनों विधानसभा सीटों पर टिकट के लिए रस्साकशी के हालात हैं। कोरोना के कहर के कारण उपजे नकारात्मक माहौल को कवर करने के लिए संगठन की टीमें इन सीटों वाले इलाकों में काम कर रही है। इनमें पृथ्वीपुर सीट बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन से खाली हुई थी। वहीं जोबट सीट कलावती भूरिया के निधन और रेगांव सीट जुगल किशोर बागरी के निधन से खाली हुई थी। तीनों का ही कोरोना संक्रमण के चलते निधन हुआ था। अब भाजपा इन सीटों पर जातिगत व स्थानीय समीकरणों के हिसाब से नेटवर्किंग कर रही है। पिछली बार हारे दावेदारों के साथ इन सीटों पर नए दावेदारों की भी फौज है। हर सीट पर तीन से चार नेता दावेदारी के लिए भोपाल में सत्ता-संगठन के चक्कर काट रहे हैं। फिलहाल इन सीटों पर मंत्रियों को भी सक्रिय किया गया है। साथ ही इन सीटों के विकास कार्यों को भी प्राथमिकता से करना तय किया है। इसके बाद सत्ता-संगठन के संयुक्त आकलन के आधार पर टिकट फायनल होंगे।
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