
चंडीगढ़ । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Former Chief Minister Bhupinder Singh Hoodda) ने भाजपा सरकार (BJP Government) जानबूझकर खाद संकट पैदा कर रही है (Is deliberately creating Fertilizer Crisis) ।
भाजपा सरकार के 31 जुलाई से पोर्टल पर खाद मिलेगी वाले बयान पर प्रतिकिया में हुड्डा ने कहा 10 से 15 दिन ही और किसान को इस सीजन में खाद की जरूरत है समय बीतने के बाद खाद मिलने का किसान को क्या फायदा होगा? उन्होंने कहा कि पूरे हरियाणा में आज किसान यूरिया और डीएपी के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं, क्योंकि हमेशा की तरह सरकार खाद उपलब्ध करवाने में नाकाम साबित हुई है। प्रदेश और केंद्र दोनों जगह डबल इंजिन की बीजेपी की सरकार होने के बावजूद अब तक केंद्र से हरियाणा के हिस्से की आधी खाद ही मिल पाई है। करीब 50 फ़ीसदी खाद आना अभी भी बाकी है।
केंद्र ने इस फसली सीजन के लिए हरियाणा को यूरिया का कुल 13.90 लाख मिट्रिक टन कोटा तय किया है। लेकिन अभी तक सिर्फ 7.5 लाख मैट्रिक टन ही मिल पाया है। इसी तरह 59,950 मिट्रिक टन डीएपी में से सिर्फ 30,000 मिट्रिक टन डीएपी ही मिली है। यानी डबल इंजिन की सरकार मिलकर किसानों को परेशान करने में लगी है।
हुड्डा ने कहा कि किसान कई-कई दिनों से लंबी-लंबी कतारों में खाद के लिए इंतजार कर रहे हैं। सवेरे से शाम तक कतारों में इंतजार करने के बावजूद किसानों को खाली हाथ वापिस लौटना पड़ रहा है। किल्लत इतनी ज्यादा है कि हमेशा की तरह एक बार फिर पुलिस की निगरानी में खाद बांटनी पड़ रही है। सरकार की कारगुजारी के चलते कालाबाजारी अपने चरम पर है और किसानों ब्लैक में खाद बेची जा रही है। खाद मिलने में देरी के चलते किसानों को उत्पादन में घाटे का डर भी सताने लगा है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इस समस्या का उचित समाधान निकालने की बजाए, सरकार नई मुसीबत खड़ी करने जा रही है। उसका कहना है कि अब खाद भी पोर्टल पर मिलेगा। सरकार बताए कि जो खाद, सीधे केंद्र पर नहीं मिल पा रही है, वो पोर्टल से कैसे मिलने लगेगी। और अगर खाद पोर्टल से मिल सकता है तो सहकारी समिति केंद्र पर क्यों नहीं मिल रहा? साफ है कि बीजेपी सरकार की मंशा किसानों की जरूरत को पूरा करने की नहीं है, बल्कि सिर्फ समय खराब करने की है। ताकि फसल को खाद देने का समय गुजर जाए और सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ ले।
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