
वाराणसी । उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय (Uttar Pradesh Congress President Ajay Rai) ने कहा कि कांवड़ यात्रा को प्रोपेगेंडा बना कर (Kanwad Yatra as Propaganda) भाजपा मार्केटिंग कर रही है (BJP is doing Marketing) ।
कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नेम प्लेट लगाने और मीट की दुकानों को बंद करने के मुद्दे पर अजय राय ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, ये बहुत पहले से ही चल रहा है । कांवड़ यात्रा शुरू होने पर मीट-मछली की दुकान लगाने वाले लोग स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद कर देते थे या हटा लेते थे, ताकि किसी की धार्मिक भावना आहत न हो । ये बहुत पहले से चल रहा है, अब इसका प्रचार-प्रसार हो रहा है।
अखिलेश यादव के कथावाचकों पर दिए गए विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अजय राय ने कहा कि सभी कथावाचक एक जैसे नहीं होते। कई विद्वान बिना किसी डिमांड के लोगों को कथा सुनाते हैं। हां, कुछ अपवाद हो सकते हैं, लेकिन पूरे समाज पर उंगली उठाना ठीक नहीं। सपा और कांग्रेस के बीच बढ़ती दूरी के सवाल पर अजय राय ने संतुलित रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि उनका काम उनका है, मेरा काम मेरा है। सब ठीक है। गठबंधन में कई बार रणनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन लक्ष्य एक ही है, भाजपा को हटाना।
लखनऊ में एक परिवार के सामूहिक आत्महत्या की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए अजय राय ने कहा कि यह बेहद दुखद है। इस सरकार में आम लोगों का न तो काम चल रहा है और न ही व्यापार । लोग मानसिक, सामाजिक और आर्थिक दबाव में आकर इस तरह के कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं। बिहार चुनाव में एआईएमआईएम को इंडिया गठबंधन में शामिल किए जाने पर अजय राय ने कहा कि यह फैसला इंडिया गठबंधन के नेता मिलकर करेंगे कि किसे साथ लेना है और किसे नहीं। आज बिहार में इंडिया गठबंधन काफी मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है।
महाराष्ट्र में तीन-भाषा आदेश को वापस लेने पर अजय राय ने हिंदी का पक्ष लिया। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और इसे पूरे देश में पढ़ाया जाना चाहिए। हिंदी को हाशिए पर रखना उचित नहीं है। भारत को ‘सामाजिक सुरक्षा’ मामले में विश्व में दूसरे स्थान पर रखे जाने पर अजय राय ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इनकी अपनी मनगढ़ंत रेटिंग होती है। जमीनी सच्चाई कुछ और है। आंकड़ों में कुछ दिखाया जाता है और हकीकत में कुछ और होता है।
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