
नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Khadge) ने कहा कि भाजपा (BJP) संविधान हत्या दिवस (Constitution Murder Day) मनाने का नाटक कर रही है (Is pretending to Celebrate) ।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “…भाजपा हमारी ‘संविधान बचाओ यात्रा’ से घबरा गई है। 50 साल पहले के आपातकाल की बात कर रहे हैं। जो लोग अपने कार्यकाल में कुछ नहीं कर सके। जिनके पास बेरोजगारी, महंगाई और नोटबंदी के मुद्दों पर कोई जवाब नहीं है। वे झूठ को छिपाने के लिए आज ये नाटक (आपातकाल के 50 साल पूरे होने को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाना) कर रहे हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा सरकार की ओर से प्रधानमंत्री ने एक सर्कुलर निकाला है जिसमें सभी राज्यों को आपातकाल के 50 साल पूरे होने को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का निर्देश दिया गया है… मैं केवल यह कहना चाहता हूं कि जो लोग अब संविधान को बचाने की बात कर रहे हैं वे केवल उस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहे हैं जो अतीत में समाप्त हो गया था। जिनकी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान के निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी, वे अब इसके बारे में बात कर रहे हैं। उन्होंने गांधी जी, अंबेडकर जी और अन्य लोगों की तस्वीरें भी जलाई थीं।”
25 जून 1975 की वो रात जब भारत का लोकतंत्र सिहर उठा। इस दिन संविधान को कुचला गया, अभिव्यक्ति की आजादी को दबाया गया और लोकतंत्र को जंजीरों में जकड़ा गया। आधी रात को रेडियो पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी। देश में समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में भ्रष्टाचार और महंगाई के खिलाफ आंदोलन तेज हो रहा था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा की लोकसभा सदस्यता को रद्द कर दिया था, जिससे उनकी कुर्सी खतरे में पड़ गई। जयप्रकाश नारायण जैसे नेताओं की आवाज जनता को एकजुट कर रही थी। ऐसे में आपातकाल एक ऐसा हथियार बन गया, जिसने लोकतंत्र को बंधक बना लिया।
इस तनाव के बीच 25 जून की रात को इंदिरा गांधी ने संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल की घोषणा कर दी। यह फैसला बिना कैबिनेट की मंजूरी के रातोंरात लिया गया। राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने मध्यरात्रि में इस पर हस्ताक्षर किए और देश आपातकाल के अंधेरे में डूब गया।
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