
लखनऊ। भाजपा की छल प्रपंच और झूठ की रीतिनीति ने राजनीतिक शुचिता और लोकतंत्र पर गहरा आघात किया है। किसानों के हितों पर चोट करने और उनकी किस्मत कारपोरेट घरानों को सौंपने में उसे जरा भी हिचक नहीं होती है। केन्द्र में संसद हो या प्रदेश में विधान परिषद दोनों जगह विपक्ष पर अपने बहुमत का रोडरोलर चलाकर वह लोकलाज से भी हाथ धो बैठी है। ये बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कही।
उन्होंने कहा कि भाजपा तर्क से भागती है और विपक्ष की आपत्तियों का जवाब देने के बजाय बुनियादी मुद्दों पर भ्रमित करने का काम करती है। उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में विपक्ष का बहुमत है किन्तु अभी पिछले दिनों इसकी बैठकें समाप्त होने से पूर्व कई बिल बिना बहस के विपक्ष की तमाम आपत्तियों को अनसुना करते हुए, आश्चर्यजनक रूप से पास करा लिए गए। विधान परिषद के सभापति ने विपक्ष को संरक्षण नहीं दिया, सत्तापक्ष ही हावी रहा।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा का चेहरा और चरित्र एक ही है, इसका दूसरा परिचय केन्द्र में राज्यसभा की कार्यवाही में देखने को मिला। इसमें कृषि विधेयकों को भी विपक्ष की बातों को अनसुना कर पास घोषित करा लिया गया। वहां भी जोर जबर्दस्ती साफ दिखाई दी। इन विधेयकों पर विपक्ष ने जो आपत्तियां की उनकी सुनवाई नहीं हुईं। जब संसद के अंदर और बाहर इस पर कड़ी प्रतिक्रिया होते दिखाई दी तो बहकाने-भटकाने की अपनी शैली में भाजपा सरकार ने रबी की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तत्काल घोषित कर दिए जबकि हमेशा अक्टूबर के तीसरे हफ्ते में ऐसे निर्णय सामने आते थे। एक माह पहले रबी की फसल के समर्थन मूल्य घोषित करके किसानों को ठगने की यह कोशिश कामयाब नहीं होेने वाली है। (एजेंसी, हि.स.)
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