
नई दिल्ली (New Delhi) । हरियाणा (Haryana) के नूंह (Nuh) में ब्रजमंडल यात्रा निकाले जाने के दौरान सोमवार को भड़की हिंसा (violence) के बाद प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। भारी भीड़ के साथ यात्रा निकाले जाने और सुरक्षा के इंतजाम कमजोर होने को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह (Rao Inderjeet Singh) ने हिंसा के लिए हिंदूवादी संगठनों (Hinduist organizations) पर भी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि धार्मिक यात्रा में यदि कोई तलवार और डंडे लेकर यात्रा करता है तो यह सही नहीं है। राव इंद्रजीत सिंह केंद्रीय सांख्यिकी राज्य मंत्री हैं। वह लंबे समय से गुरुग्राम का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। किसी दौर में वह कांग्रेसी थे, लेकिन 2014 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे।
राव इंद्रजीत सिंह ने हिंदूवादी संगठनों की यात्रा पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘किसने उनको इस यात्रा में ले जाने के लिए हथियार दिए थे। कोई तलवार लेकर जाता है यात्रा में? लाठी-डंडे लेकर जाता है? कौन इस तरह तलवारें और डंडे लिए रहता है। यह गलत है। उकसावे वाली कार्रवाई इस तरफ से भी हुई है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि दूसरी तरफ से गड़बड़ी नहीं हुई है या उकसाने का प्रयास नहीं किया गया।’ राव इंद्रजीत सिंह का यह रुख हरियाणा के सरकार के रवैये से भी अलग है, जो अब तक नूंह हिंसा के पीछे किसी साजिश की बात कहती रही है। इसके अलावा मोनू मानेसर को भी राज्य सरकार ने क्लीन चिट दी है।
उन्होंने फेसबुक पर वीडियो जारी कर भी शांति की अपील की है। उन्होंने कहा कि 1947 में देश बंटवारे के दौरान भी मेवात में शांति रही थी। यहां जो भी हुआ है, वह दुर्भाग्य की बात है। नफरत की आग जिन लोगों ने भी फैलाई है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मेवात के लोगों ने हमेशा से भाईचारे की मिसाल कायम की है, इसको किसी भी सूरत में टूटने नहीं देना है। दरअसल मेवात में मेव मुस्लिमों की बहुलता है, जो खुद को राजपूतों का वंशज बताते रहे हैं। इस समुदाय की ज्यादातर परंपराएं हिंदू समुदाय से मेल खाती हैं और वे सगोत्रीय विवाह नहीं करते।
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