
भोपाल: भोपाल (Bhopal) के सांसद आलोक शर्मा (Alok Sharma) के गरबा आयोजनों (Garba Events) को लेकर दिए गए बयान ने राजनीतिक बवाल पैदा कर दिया है. सांसद ने कहा कि नवरात्र (Navratri) में केवल हिंदू (Hindu) और सनातनी समुदाय (Sanatani Community) के लोग ही गरबा में हिस्सा लें और किसी अन्य वर्ग को प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग गरबा में हिंदू बेटियों को फुसलाने जैसी योजनाओं में शामिल होते हैं. यह बयान भोपाल में सनातन संस्कृति और समाज की सुरक्षा के मुद्दे के रूप में सामने आया जिसके बाद कांग्रेस की ओर से इस पर प्रतिक्रिया भी आई, जिसमें बीजेपी पर संविधान को ठेस लगाने का काम किया जा रहा है.
बीजेपी सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि भोपाल की गंगा जमनी तहजीब दिखाई नहीं देती, केवल सनातन संस्कृति ही स्पष्ट है. उन्होंने चेतावनी दी कि गरबा में कुछ लोग कलावा-टीका लगाकर हिंदू बेटियों को बहलाने का प्रयास कर सकते हैं. सांसद ने कहा, “मोहन यादव सरकार में लव जिहादियों की खैर नहीं.” उन्होंने कहा कि हिंदू समाज जाग चुका है. साथ ही कहा कि नवरात्र में मां जगदंबा की पूजा के माध्यम से गरबा केवल हिंदू और सनातनी समुदाय के लिए है.
सांसद के इस बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि बीजेपी लगातार नफरत और वैमनस्यता फैलाने की राजनीति कर रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि सांसद अपने हिन्दू भाई-बहनों के कल्याण, किसानों के लिए दिए गए वादे, बेरोजगारों के रोजगार और लाडली बहनों के ₹3000 सहायता वादे को पूरा करने के बजाय सिर्फ हिंदू-मुस्लिम की राजनीति क्यों कर रहे हैं. त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि बीजेपी का यह बयान संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और इससे सामाजिक सौहार्द पर खतरा है.
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