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महाराष्ट्र स्थानीय चुनाव में BJP की जीत से विपक्ष के साथ सहयोगियों पर पड़ेगा असर, बढ़ सकती है शिंदे की टेंशन

December 22, 2025

नई दिल्‍ली । महाराष्ट्र (Maharashtra) में स्थानीय निकाय चुनाव (Local body elections) में भारतीय जनता पार्टी (BJP), शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Congress) गठबंधन ‘महायुति’ ने 75 प्रतिशत सीटों पर जीत दर्ज की है। महायुति ने कुल 288 में से 215 निकायों में अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में भी सबसे बड़े दल के तौर पर उभरकर सामने आई है। पार्टी ने 129 अध्यक्ष की कुर्सी हासिल की हैं। अब कहा जा रहा है कि इस जीत का असर विपक्ष के साथ-साथ राज्य में भाजपा के सहयोगियों पर भी पड़ सकता है।

चुनाव और नतीजे
महाराष्ट्र में 286 नगर पंचायतों और नगर परिषदों के लिए दो चरणों में दो दिसंबर और 20 दिसंबर को मतदान हुआ था। इनमें 246 नगर परिषद और 42 नगर पंचायत शामिल हैं। पहले चरण में 263 निकायों के लिए 67 प्रतिशत, जबकि दूसरे चरण में 23 निकायों के लिए 47 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था। रविवार सुबह से सभी निकायों के लिए मतगणना आरंभ हुई।

देर शाम तक जारी नतीजों में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी (अजित पवार) की महायुति 215 निकाय अध्यक्ष पदों पर जीत दर्ज कर चुकी थी। इनमें भारतीय जनता पार्टी ने 129, शिवसेना ने 51 और एनसीपी (अजित पवार) ने 35 अध्यक्ष पद जीते हैं।


महायुति प्रत्याशियों में कई जगह रही ‘फ्रेंडली फाइट’
महायुति के तीनों घटक दलों भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच कई निकायों में फ्रेंडली फाइट भी रही। इन स्थानों पर इन दलों ने अपने-अपने अलग प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। ऐसे मुकाबलों में कणकवली, दहानू, पालघर में शिवसेना ने भाजपा को हराया। वहीं, लोहा में अजित पवार की एनसीपी ने भाजपा के अध्यक्ष प्रत्याशी गजानन सूर्यवंशी और उनके पांच परिजनों को शिकस्त दी। दिलचस्प यह है कि यहां एनसीपी के विजयी अध्यक्ष प्रत्याशी का नाम शरद पवार है। दूसरी ओर, भाजपा ने वडनगर में शिवसेना पर जीत दर्ज की।

सहयोगियों के लिए क्या मायने
लोकसभा या विधानसभा चुनाव की तरह भाजपा ने स्थानीय चुनाव में प्रचार किया। कहा जा रहा है कि इसके जरिए पार्टी के पास यह जानने का मौका था कि वह अपने लक्ष्य ‘शत प्रतिशत भाजपा’ के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है या नहीं। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह वह राजनीतिक भविष्य है, जहा भाजपा को अपने सहयोगियों की जरूरत नहीं होगी।

ऐसे में स्थानीय चुनाव अहम मील का पत्थर साबित हुए। नतीजतन, भाजपा के सहयोगी इस चुनाव को उतने सकारात्मक ढंग से न देखें, जितना पार्टी खुद देखेगी। अखबार से बातचीत में भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘ये नतीजे 15 जनवरी को होने वाले नगर निगम चुनाव में कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास बढ़ाएंगे।’

विपक्ष का क्या
विधानसभा चुनाव में बड़े झटके के बाद स्थानीय चुनाव में पिछड़ना विपक्ष की मुश्किलें बढ़ा सकता है। खासतौर से तब जब BMC यानी बृह्नमुंबई महानगरपालिका चुनाव में कुछ हफ्तों का समय बाकी रह गया है। यहां शिवसेना (यूबीटी) 3 दशक के अपने प्रभाव को बनाए रखना चाहेगी। स्थानीय चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) सीटों के दोहरे आंकड़ों को भी नहीं छू पाई। पहले से ही फूट के कारण कमजोर हुए दलों के लिए ये नतीजे चिंता का सबब बन सकते हैं।

देवेंद्र फडणवीस का बयान
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा, ‘यह संगठन और सरकार दोनों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। हमने विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा। मैंने सकारात्मक विकास एजेंडे पर आधारित अभियान का नेतृत्व किया और मैंने कभी किसी राजनीतिक नेता या पार्टी की आलोचना नहीं की।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विकास एजेंडा, अब तक किए गए कार्यों और भविष्य की योजनाओं के आधार पर वोट मांगे। उन्होंने कहा, ‘पहली बार मैंने शत-प्रतिशत सकारात्मक वोट मांगे थे, और लोगों ने हमें शत-प्रतिशत सकारात्मक वोट दिए।’

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