
चंडीगढ़ । नगर निगम चुनाव (Municipal elections) में बीजेपी (BJP) ने मेयर (Mayor) पद पर एक वोट (One Vote) से जीत (Won) हासिल की है। भाजपा की नगर पार्षद सरबजीत कौर ने शनिवार को आम आदमी पार्टी की अंजू कत्याल को सीधे मुकाबले में महज एक वोट से हराकर चंडीगढ़ नगर निगम की नई मेयर बनीं।
मेयर के इस चुनाव में कुल 36 वोटों में से 28 वोट पड़े, जबकि कांग्रेस के सात पार्षद और शिरोमणि अकाली दल के एकमात्र पार्षद अनुपस्थित रहे। बीजेपी की इस जीत पर आम आदमी पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। आप ने बीजेपी पर घपला करने का आरोप लगाया है।आम आदमी पार्टी ने अब मांग की है कि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद का चुनाव अब बैलेट पेपर की बजाय हाथ खड़े करवाकर कराया जाए। भाजपा की सरबजीत कौर के चुनाव जीतने के बाद आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने जमकर हंगामा किया । यहां तक कि मेयर की कुर्सी ही घेरकर बैठ गए। इसके बाद पुलिस को बुलाना पड़ा, जिसकी मदद से आप पार्षदों को हटाया गया। फिर चंडीगढ़ से भाजपा की ही सांसद किरण खेर ने सरबजीत कौर को कुर्सी पर बिठाया। मेयर के चुनाव में कुल 28 मत पड़े थे, जिनमें 14 भाजपा ने हासिल किए और 13 वोट आम आदमी पार्टी को मिले। एक वोट इनवैलिड घोषित किया गया। इस तरह भाजपा ने महज एक वोट के अंतर से मेयर के पद पर जीत हासिल कर ली।
दरअसल चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजे आने के कुछ दिनों बाद ही कांग्रेस के टिकट पर जीतीं पार्षद हरप्रीत कौर बाबला ने भाजपा जॉइन कर ली थी। उनके साथ उनके पति और सीनियर कांग्रेस लीडर देविंदर बाबला भी भगवा दल का हिस्सा हो गए थे। बाबला को पार्टी में शामिल कराने के लिए हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर खुद पहुंचे थे। इससे समझा जा सकता है कि भाजपा ने किस हद तक चंडीगढ़ चुनाव में अपनी ताकत झोंकी थी। चंडीगढ़ नगर निकाय चुनाव में कुल 35 सीटों में भाजपा को इस बार 12 सीटें ही मिली थीं, जबकि पिछले चुनाव में वह 20 सीटों के साथ बहुमत से मेयर पद पर जीती थी।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved