
नई दिल्ली । दीपावली(Diwali) और काली पूजा(Kali Puja) के बाद पश्चिम बंगाल भाजपा(West Bengal BJP) ने राज्य भर में 1,000 से अधिक नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) शिविर लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। यह कदम राज्य में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) से पहले उठाया गया है। वरिष्ठ भाजपा नेताओं के अनुसार, चुनाव नजदीक आने के साथ पार्टी ने ऐसे शिविरों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करें।
बंगाल भाजपा अध्यक्ष और सांसद समीक भट्टाचार्य ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “सीएए भाजपा के एजेंडे में पहले दिन से था। कोविड महामारी के कारण नियम बनाने में थोड़ी देरी हुई, लेकिन अब हम पूरी तरह तैयार हैं।” उन्होंने बताया कि 1,000 से अधिक शिविर पूरे राज्य में लगाए जाएंगे, खासतौर पर उन सीमावर्ती इलाकों में जहां जनसांख्यिकी में बदलाव देखा जा रहा है। भट्टाचार्य ने कहा, “हम देख रहे हैं कि कई सीमावर्ती जिलों की जनसांख्यिकी बदल रही है, इसलिए उन क्षेत्रों में अधिक शिविर होंगे।”
भाजपा सूत्रों के अनुसार, अभियान का मुख्य फोकस बांग्लादेश से सटे जिले होंगे जिनमें उत्तर 24 परगना, नदिया (दक्षिण बंगाल) और कूचबिहार, उत्तर दिनाजपुर (उत्तर बंगाल) शामिल हैं।
एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि भाजपा इकाइयों के साथ-साथ अन्य हिंदू संगठनों और स्थानीय क्लबों को भी इस मुहिम में जोड़ा जा रहा है। बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी. एल. संतोष की अगुवाई में कोलकाता में एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सीएए से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। सूत्रों के अनुसार, प्रशिक्षित कार्यकर्ता अब अपने क्षेत्रों में जाकर लोगों को नागरिकता प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने में मदद करेंगे।
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, “लोगों को समझाना जरूरी है कि सीएए क्यों जरूरी है। इस पर बहुत गलत सूचनाएं फैलाई गई हैं, जिससे लोग डर गए हैं। हमारा लक्ष्य उन्हें शिक्षित और आश्वस्त करना है।” भाजपा विधायक और राज्य शरणार्थी प्रकोष्ठ संयोजक असीम सरकार ने कहा, “हम 2000 से 31 दिसंबर 2024 तक आए उन हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता के लिए आवेदन करने को कहेंगे जिनका नाम अब तक नहीं है। हमारी मुख्यमंत्री ने शरणार्थियों को गुमराह किया है, जबकि सीएए हिंदुओं के लिए ‘लक्ष्मण रेखा’ है। यह आंदोलन ठाकुरनगर से 2004 में मतुआ परिवार से शुरू हुआ था।”
सरकार ने बताया कि उनकी हरिंगहाटा विधानसभा में जल्द ही माइक और प्रचार माध्यमों से लोगों को आवेदन के लिए प्रेरित करने का अभियान शुरू होगा।
मतुआ और शरणार्थी समुदायों तक पहुंच
भाजपा सूत्रों का मानना है कि यह राज्यव्यापी अभियान हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण में मदद करेगा। पार्टी की रणनीति है कि मतुआ समुदाय और अन्य हिंदू शरणार्थी समूहों तक पहुंच बनाई जाए, जो धार्मिक उत्पीड़न के चलते 2024 तक बांग्लादेश से भारत आए हैं। पार्टी नेताओं का दावा है कि सीएए और आगामी SIR प्रक्रिया न केवल वैध शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने में मदद करेगी, बल्कि राज्य में मौजूद फर्जी मतदाताओं और अवैध मुस्लिम प्रवासियों की पहचान में भी सहायक सिद्ध होगी।
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