
इंदौर: इंदौर शहर (Indore City) के आर के हॉस्पिटल (RK Hospital) में इन दिनों मरीजों (Patients) से अधिक पेशा बसूलना, छोटे छोटे इलाज के नाम पर हजारों और लाखों का बिल बन जाता है. शहर के नवलक्खा चौराहे (Navlakha Square) पर रहने वाले रमेश जायवाल (Ramesh Jaiwal) द्वारा बताया गया है, की मेरी बेटी छाया जायवाल उम्र 22 वर्ष को 5 दिवस पूर्व आर के हॉस्पिटल में सांस की बीमारी (Asthama) के इलाज हेतु भर्ती किया था. जिसमे लगातार हॉस्पिटल के डाक्टरों (Doctors) द्वारा मेरी बिटिया का लाज किया जा रहा था, जिसमे मेरे द्वारा करीबन 80 हजार के आसपास खर्चा भी हो चुका है. लेकिन आज सुबह मंगलवार को सुबह मेने मेरी बेटी को नास्ता करवाया, उसके बाद दोपहर अचानक मेरी बिटिया को अस्पताल की टीम आई सी यू में लेकर भागे, जिसमे मुझे ज्ञात हुआ की हॉस्पिटल में बिजली नहीं है.
और यह अस्पताल में मेरी बिटिया का कैसे इलाज करेंगे, जिसमे मेरी बिटिया के प्राण पखेरू उड़ जाने के बाद भी मुझे नहीं बताया और मुझे दवाइयाँ लेने बाहर के मेडिकल पर भेज दिया गया था. दवाइयाँ लेकर आने के पश्चात मुझे मेरी बेटी की मौत की जानकारी डी गई, जिसमे अस्पताल के डाक्टर द्वारा बताया गया है. कि, आपकी बेटी को हम आई सी यू में लेकर ऑक्सीजन मास्क लगाकर गए थे, और इलाज के दौरान आपकी बेटी की मृत्यु हुई है. इसके बाद हम लोगों नें सी सी टीवी फुटेज देखे तो, मामला इसके बिपरीत मिला है, किस प्रकार मेरी बेटी के साथ लापरवाहीयां भर्ती गई है, उसके बाद डाक्टर से लेकर अस्पताल स्टॉफ भी कोई ठीक जानकारी देता नजर नहीं आया है, वहीं परिजनों द्वारा भी थाना संयोगिता गंज में हॉस्पिटल के खिलाफ और डाक्टर के खिलाफ डंडात्मक कार्रवाही करने और पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाने हेतु एफ आई आर की गई है, अब देखना होगा इंदौर प्रसाशन ऐसे हॉस्पिटल पर क्या करवाहीयां करता है,
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