मुंबई। उत्तर भारतीय बहुल कलीना विधानसभा सीट (Kalina Assembly seat) पर विधानसभा चुनाव साथ लड़ने वाले दो सहयोगियों दल बीएमसी चुनाव (BMC elections) में आमने-सामने होंगे। उद्धव ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। महाविकास आघाडी के उम्मीदवार संजय पोटनीस ने चुनाव में जीत दर्ज की थी। बीएमसी चुनाव में कांग्रेस ने अपने दम पर बिना गठबंधन के लड़ने का ऐलान किया है। ऐसे में कांग्रेस के अलग चुनाव लड़ने की वजह से परिसर का चुनावी गणित बदल गया है।
उत्तर भारतीयों की रहेगी अहम भूमिका
कलीना सीट पर बड़ी संख्या में वोटर झोपड़पट्टी में रहते है। यहां करीब 37% मराठी वोटर है, जबकि 24% मुस्लिम और 15% उत्तर भारतीय वोटर है। 8.5% क्रिश्चियन, 4.5% गुजराती, मारवाड़ी और 6% दक्षिण भारतीय वोटर है। मुस्लिम और उत्तर भारतीय वोटर उम्मीदवारों की जीत या हार तय करने में अहम किरदार निभाते है। वही, 2009 में कालीना सीट से कृपाशंकर सिंह विधानसभा पहुंचे थे। कृपाशंकर सिंह को 51,205 वोट मिले थे।
पांच प्रभागों में बंट गई विधानसभा
कलीना विधानसभा 5 प्रभाग और दो वॉर्ड में बंटा हुआ है। सीट के तीन प्रभाग 89, 90 और 91 एच/पूर्व वॉर्ड में आते है, जबकि प्रभाग 166 और 167 एल बॉर्ड में आते है। 2017 के बीएसमी चुनाव में 5 में से 2-2 सीट कांग्रेस और शिवसेना (संयुक्त) के पास थी, जबकि एक सीट मनसे के पास थी। शिवसेना में विभाजन के बाद
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