
मुंबई। बॉलीवुड में बायोपिक फिल्म (biopic film in bollywood) बनाने का दौर चल पड़ा है। नीरजा भनोट (Neerja Bhanot) से लेकर सिल्क स्मिता (silk smitha) की जिंदगी पर बायोपिक(biopic) बन चुकी है। कई बायोपिक (biopic) आयी और बॉक्स ऑफिस (box office) पर धाराशायी हो गईं। वहीं एक दौर आया, जब बायोपिक फिल्मों को दर्शकों ने खूब प्यार दिया। हालांकि, ये फिल्में किसी के जीवन पर आधारित कितनी फीसदी सच्चाई बयां करती हैं, कहना मुश्किल होगा लेकिन आज हम आपको उन बायोपिक फिल्मों के बारे में बताते हैं, जिसमें रियल और रील लाइफ को बिल्कुल अलग रखा गया। इन फिल्मों के तथ्य बदले जाने पर दर्शकों ने खुद को ठगा महसूस किया।
मैरी कॉम
मैरी कॉम ने एक इंटरव्यू में कहा था कि फिल्म मैरीकॉम में काफी हद तक ड्रामा रखा गया है। फिल्म में दिखाया गया कि मैरी कॉम पैसे के लिए स्ट्रीट बॉक्सिंग करती थीं लेकिन असल में वह एक बार ही स्ट्रीट बॉक्सिंग में लड़ी थीं। उन्होंने कभी पैसों के लिए लड़ाई नहीं की थी। फिल्म में दिखाया गया है कि उनके पिता बॉक्सिंग के सख्त खिलाफ थे लेकिन हकीकत में उनके पिता ने उनका काफी हद तक समर्थन किया। जब उनके बेटे का ऑपरेशन किया जा रहा था, मैरी कॉम कभी बॉक्सिंग रिंग में नहीं थीं। फिल्म में टीआरपी के लिए सीन को काल्पनिक रखा गया।
उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक
उरी में एक गरुड़ नाम की डिवाइस दिखाई गई है। डिवाइस को एक डीआरडो इंटर्न ने बनाई थी। गरुड़ में कैमरा, जीपीएस लगा हुआ था। फैक्टस यह है कि उरी का सर्जिकल स्ट्राइक 2016 में हुआ था। वहीं जो फिल्म में डिवाइस दिखाई गई, उसका निर्माण 2017 में कनाडा की एक कंपनी ने किया था। कंपनी ने खेत से चिड़ियों को भगाने और फसल की सुरक्षा के लिए बनाया था।
एयरलिफ्ट
एयरलिफ्ट में सच्चाई कम और फिक्शन ज्यादा है। कुवैत में जब संकट छाया तो विदेश मंत्री इंद्र कुमार गुजराल ने ईरान में फंसे भारतीयों से बात की और उन्होंने इतिहास में सबसे बड़े एयरलिफ्ट करवाया। फिल्म में दिखाया गया कि इराक की सीमा बंद हो गई थी लेकिन जॉर्डन ने कभी भी इराक के साथ अपनी सीमाओं को बंद नहीं किया था। कहा जाता है कि इराकियों ने भारतीयों को जानबूझकर कोई चोट नहीं पहुंचाई थी। फिल्म में इराक में भारतीयों पर जुल्म को बताया गया है।
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