
मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को झटका देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court)ने भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए उनके खिलाफ सीबीआई (CBI) की पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) को रद्द करने (To cancel)से गुरुवार को इनकार (Refuse) कर दिया।
देशमुख और महाराष्ट्र सरकार की याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति एस.एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एन.जे. जामदार की खंडपीठ ने कहा कि यह खारिज किए जाने लायक है।
सीबीआई ने 5 अप्रैल को प्रारंभिक जांच के लिए उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 24 अप्रैल को देशमुख और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
देशमुख के वकील, अमित देसाई ने भी फैसले पर रोक लगाने और इसके खिलाफ अपील करने के लिए समय मांगा, जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजे अपने 20 मार्च के ‘लेटर-बम’ में पूर्व पुलिस प्रमुख परम वीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने मुंबई में बार और रेस्तरां से प्रति माह 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन पूर्व मंत्री ने आरोपों को खारिज कर दिया था।
उच्च न्यायालय ने 5 अप्रैल को इस संबंध में सिंह और वकील जयश्री पाटिल सहित कई याचिकाओं का निपटारा किया, जिसमें देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच का निर्देश दिया गया था, जिसके कारण उनका इस्तीफा हो गया और बड़े पैमाने पर राजनीतिक हंगामा हुआ।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved