
उज्जैन। पैसे देकर और जनप्रतिनिधियों से दबाव बनवा कर अपात्रों ने बड़ी संख्या में उज्जैन जिले (Ujjain District) में बीपीएल कार्ड (BPL Card) बनवा लिए थे। प्रशासन ने इन बीपीएल कार्ड (BPL Card) का सर्वे कराया और अब फर्जी बीपीएल कार्ड धारियों के नाम काटने की तैयारी हो रही है। पहले चरण में बीपी बीपीएल कार्ड धारियों के नाम काटे गए थे और अब यह सर्वे अंतिम चरण में है। उज्जैन जिले में यह आंकड़ा 25 हजार के करीब पहुँच रहा है। शहर में बीपीएल कार्ड धारियों की संख्या काफी बढ़ गई थी और 50 प्रतिशत लोगों के बीपीएल कार्ड बन चुके थे। प्रदेश सरकार की तरफ से इस मामले में सर्वे के निर्देश आए थे और राजस्व विभाग ने इस मामले में सर्वे कराया तो हर वार्ड में फर्जी बीपीएल कार्ड (BPL Card) की की भरमार निकली। पहले चरण के सर्वे में करीब 10 हजार से अधिक बीपीएल कार्ड निकले थे और अब दूसरे चरण का सर्वे चल रहा है। एसडीएम संजय साहू के मुताबिक अब सर्वे काम अंतिम चरण में है और बीपीएल फर्जी कार्ड (BPL Fake Card) धारियों की संख्या 25 हजार के करीब होने को है।
दो-चार दिन में सर्वे पूरा हो जाएगा और उसके बाद फर्जी कार्ड धारियों के नाम काटने की कार्रवाई की जाएगी। 25 हजार कार्ड भी यदि फर्जी माने जाए तो हर महीने सरकार को करोड़ों का चूना यह कार्डधारी लगा रहे थे। क्योंकि कई महीनों से तो इन कार्ड से से मुफ्त में गेहूँ अनाज मिल रहा है और जब मुफ्त की योजना खत्म होगी तो मात्र 1 रुपए किलो में 20 रुपए किलो वाला अनाज मिलता है। केरोसिन, नमक और दाल आदि अलग से। ऐसे में करोड़ों रुपए का चूना यह फर्जी कार्ड धारी लगा रहे थे और यह गरीब भी नहीं थे। अब 25 हजार कार्ड कम होने से वास्तविक गरीबों को इस योजना का लाभ मिल पाएगा। पिछले कई सालों से नए बीपीएल कार्ड बनने का काम बंद था।
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