
नई दिल्ली। ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त उद्यम की देन है। इसकी मारक क्षमता 290-400 किलोमीटर और गति मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है। यह मिसाइल जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च की जा सकती है। यह ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिद्धांत पर काम करती है, जिससे यह दुश्मन के रडार से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है।
दरअसल, लखनऊ रविवार को रक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना। उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर दुनिया की सबसे विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की उत्पादन इकाई का शुभारंभ किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिजिटल माध्यम से दिल्ली से समारोह में जुड़े और सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ इस परियोजना का उद्घाटन किया। यह कदम रक्षा क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता को मजबूत और भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनावपूर्ण हालात में सामरिक शक्ति को नई धार देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
ब्रह्मोस एक सार्वभौमिक लंबी दूरी की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली है, जिसे जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च किया जा सकता है। ब्रह्मोस को भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और रूस के नैटिक पॉलीमर्स एंड ऑर्गनिक्स के संयुक्त उद्यम के तहत विकसित किया गया है। इस प्रणाली को एंटी-शिप और लैंड-अटैक भूमिकाओं के लिए दो वैरिएंट के साथ डिजाइन किया गया है। ब्रह्मोस हथियार प्रणाली को भारतीय नौसेना के साथ-साथ भारतीय सेना में भी शामिल किया गया है।
नौसेना के आईएनएस त्रिकंद से किए गए सफल परीक्षण फायरिंग के दौरान मिसाइल ने अलग-अलग दिशाओं में एक या अलग-अलग लक्ष्यों को मार गिराने की अपनी क्षमता भी साबित की है। ‘सैल्वो’ मोड में हथियार को अलग-अलग दिशाओं में 2-2.5 सेकंड के अंतराल में लॉन्च किया जा सकता है। आठ ब्रह्मोस मिसाइलों का एक समूह आधुनिक एंटी-मिसाइल सुरक्षा वाले लक्ष्यों के समूह को भेदकर पूरी तरह से नष्ट कर सकता है।
ब्रह्मोस अपनी रफ्तार, सटीकता और विनाशकारी ताकत के साथ एक खतरनाक हथियार प्रणाली है। जमीन से मार करने वाली हथियार प्रणाली में चार से छह मोबाइल स्वायत्त लॉन्चर (Mobile Autonomous Launchers) शामिल हैं, जिन्हें एक मोबाइल कमांड पोस्ट (Mobile Command Post) और एक मिसाइल पुनःपूर्ति वाहन (Missile Replenishment Vehicle) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। MAL एक वाहन है, जिसका अपना संचार, बिजली आपूर्ति और अग्नि नियंत्रण प्रणाली है। तीन कंटेनरों में रखी गई तीन ब्रह्मोस मिसाइलें लॉन्चर पर रहती हैं। मिसाइलों को तीन अलग-अलग लक्ष्यों पर या एक साथ कई अन्य संयोजनों में दागा जा सकता है। जमीन से मार करने वाला संस्करण भी जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली (Inertial Navigation System) और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (Global Positioning System) से लैस है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved