
वाशिंगटन (Washington)। दिग्गज कारोबारी एलन मस्क (Veteran businessman Elon Musk.) का ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of Brazil) के एक जज पर गुस्सा फूटा है और उन्होंने जज के इस्तीफे की मांग कर दी है। दरअसल ब्राजील सुप्रीम कोर्ट के जज एलेक्जांद्रे डे मोरेस (Judge Alexandre de Moraes.) ने ब्राजील में कई सोशल मीडिया अकाउंट (social media account) को ब्लॉक कर दिया है और कई यूजर्स को जेल में डालने का भी आरोप है। दावा किया जा रहा है कि ये सोशल मीडिया अकाउंट्स ब्राजील की सरकार के खिलाफ झूठी खबरें फैला रहे थे। जिन अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया है, उनमें कई अकाउंट्स ब्राजील के सोशल मीडिया इंफ्लुएंशर्स के हैं।
ब्राजील के जज पर फूटा एलन मस्क का गुस्सा
सोशल मीडिया पर कथित सेंसरशिप लगाने को लेकर एलन मस्क ने जज मोरेस पर तीखा हमला बोला। एक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि ‘यह जज मनमाने तरीके से ब्राजील के लोगों और संविधान के साथ धोखा कर रहा है। उसे इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर उसके खिलाफ महाभियोग लाकर उसे पद से हटा देना चाहिए।’ मस्क ने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि ‘इस जज ने हम पर भारी जुर्माना लगाया है और हमारे कई कर्मचारियों को गिरफ्तार करने की धमकी दी है और ब्राजील में एक्स को बंद करने की धमकी दी है। इसके चलते हम ब्राजील में पूरा राजस्व खो सकते हैं और हो सकता है कि हमें ब्राजील में अपना ऑफिस बंद करना पड़े, लेकिन हमारे लिए लाभ से ज्यादा अहम सिद्धांत हैं।’
जेर बोलसोनारो के विरोधी माने जाते हैं जज मोरेस
एलेक्जांद्रे डे मोरेस ब्राजील में एक चर्चित नाम हैं। कुछ लोग उन्हें विवादित मानते हैं तो कुछ उन्हें लोकतंत्र का रक्षक करार देते हैं। मोरेस, ब्राजील के सुपीरियर इलेक्टोरल ट्रिब्यूनल के प्रमुख भी हैं। मोरेस के आलोचकों का आरोप है कि वह ब्राजील में बोलने की आजादी को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। हाल के वर्षों में मोरेस ने सोशल मीडिया पर कई प्रमुख अकाउंट्स को बंद करने का आदेश दिया है। आरोप है कि जिन अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया है, उनमें से कई ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेर बोलसोनारो के समर्थक बताए जाते हैं। साल 2023 में जेर बोलसोनारो को एलेक्जांद्रे डे मोरेस की अध्यक्षता वाले इलेक्टोरल ट्रिब्यूनल द्वारा ही राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया गया था। बोलसोनारो के खिलाफ साल 2022 में राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद, उनके समर्थक ब्राजील की संसद में घुस गए थे।
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