
नई दिल्ली । बीते मई महीने में ऑपरेशन सिंदूर(Operation Sindoor) और उसके बाद पाकिस्तान(Pakistan) के खिलाफ जंग के मैदान में भारत (India)के मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स(missile defense systems) की ताकत पूरी दुनिया ने देखी। इस दौरान भारत के स्वदेशी डिफेंस सिस्टम आकाश की भूमिका भी बेहद अहम रही थी। यही वजह है कि दुनिया के कई देश आकाश मिसाइलों के मुरीद हो गए हैं और इसे खरीदने की दिलचस्पी दिखाई है। इस कड़ी में अब ब्रिक्स के साथी ब्राजील का नाम भी जुड़ गया है।
जानकारी के मुताबिक भारत जल्द ही ब्राजील को आकाश मिसाइलों को ब्राजील भेजने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए दिनों देशों के बीच जल्द ही एक बड़ी डिफेंस एक्सपोर्ट डील की तैयारियां भी चल रही हैं। न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ब्राजील के उपराष्ट्रपति और रक्षा मंत्री के बीच हुई बातचीत के दौरान ब्राजील ने इसे खरीदने में खास दिलचस्पी दिखाई है और दोनों देशों ने बातचीत जारी रखने का फैसला किया है। इससे समझौते की संभावना और बढ़ गई है।
इस सौदे से ब्रिक्स के दोनों साझेदार देशों के रणनीतिक रिश्ते और मजबूत होने की उम्मीद है। वहीं यह सौदा भारत की डिफेंस में आत्मनिर्भरता के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है। यह सिर्फ एक व्यावसायिक समझौता नहीं बल्कि एक रणनीतिक साझेदारी भी होगी। इससे दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Cooperation) को मजबूती मिलेगी और भारत की पहचान एक भरोसेमंद वैश्विक डिफेंस एक्सपोर्टर के रूप में और मजबूत होगी।
क्या है आकाश मिसाइल सिस्टम?
बता दें कि‘आकाश’ मिसाइल सिस्टम को डीआरडीओ (DRDO) ने तैयार किया है। इसका मकसद फाइटर एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल, ड्रोन और हेलीकॉप्टर जैसे हवाई खतरों से जरूरी ठिकानों और संसाधनों की सुरक्षा करना है। यह पूरी तरह मोबाइल सिस्टम है यानि इस कहीं भी ले जाया जा सकता है। वहीं यह एक साथ कई टारगेट पर हमला कर सकता है।
ऑपरेशन सिंदूर में हर खतरे को किया नाकाम
भारतीय सेना के मुताबिक आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हवाई खतरों और ड्रोन हमलों को लगातार नाकाम किया। इस दौरान इसकी जैमिंग इम्यूनिटी और तेज प्रतिक्रिया की क्षमता सबसे अधिक मददगार साबित हुई। इस बैटल-टेस्टेड सिस्टम ने खुद को एक किफायती और भरोसेमंद विकल्प के रूप में साबित किया है, खासकर उन देशों के लिए जो अपनी एयर डिफेंस टेक्नोलॉजी को आधुनिक बना रहे हैं।
ट्रंप को लग सकती है मिर्ची
बता दें कि भारत और ब्राजील दोनों ही ब्रिक्स का हिस्सा हैं और इस तरह के सौदों से समूह और मजबूत होगा। यह बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नागवार गुजर सकती है। ट्रंप बीते कुछ समय से ब्रिक्स पर हमलावर रहे हैं। वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और ब्राजील पर भी निशाना साधा है। हाल ही में ट्रंप ने एक बार फिर यह बयान दिया था कि ब्रिक्स देशों के डर से ही उन्होंने टैरिफ लगाए हैं। अब ब्रिक्स के दो बड़े देशों के बीच इस डील की संभावना से वह और भड़क सकते हैं।
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