ओटावा । खालिस्तानी आतंक हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या से जुड़े मामले में एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है। ब्रिटिश खुफिया एजेंसी (British intelligence agency) द्वारा इंटरसेप्ट की गई कॉल्स ने कथित तौर पर कनाडाई अधिकारियों को इस निष्कर्ष पर पहुंचने में मदद की कि जून 2023 में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत से संबंध हो सकते हैं। यह दावा हाल ही में जारी ब्लूमबर्ग ओरिजिनल्स की डॉक्यूमेंट्री में किया गया है। इस डॉक्यूमेंट्री का टाइटल है- पश्चिम के साथ भारत के संबंधों को झकझोर देने वाली मौतों के अंदर।”
भारत ने पहले ही इन आरोपों को बेतुका और राजनीतिक रूप से प्रेरित बताते हुए सख्ती से खारिज किया था। हालांकि, मई 2025 में मार्क कार्नी के कनाडा के प्रधानमंत्री बनने के बाद से नई दिल्ली और ओटावा के बीच संबंधों में धीरे-धीरे सुधार देखा जा रहा है।
डॉक्यूमेंट्री में क्या दावा किया गया है
डॉक्यूमेंट्री के अनुसार, ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसी ने कुछ बातचीतों को इंटरसेप्ट किया था जिनमें तीन संभावित टारगेट्स के बारे में चर्चा की गई थी। इस एजेंसी को यूके का सरकारी संचार मुख्यालय (GCHQ) बताया गया है और इसे लिसनिंग पोस्ट के नाम से भी जाना जाता है।
कथित बातचीत में इन टारगेट्स में हरदीप सिंह निज्जर, अवतार सिंह खांडा और गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह जानकारी फाइव आइज गठबंधन के तहत साझा की गई थी। इस गठबंधन में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं। जुलाई 2023 में ब्रिटेन को महत्वपूर्ण जानकारी मिलने के बाद, निज्जर हत्या मामले की जांच में एक बड़ी प्रगति दर्ज की गई थी।
डॉक्यूमेंट्री के अनुसार, ब्रिटिश खुफिया जानकारी को अत्यंत गोपनीय परिस्थितियों में कनाडा को सौंपा गया था- यह फाइल हाथों-हाथ दी गई, किसी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में अपलोड नहीं की गई और इसे केवल कुछ चुनिंदा कनाडाई अधिकारियों को ही देखने की अनुमति थी, जिन्हें पहले से लंदन द्वारा अप्रूव किया गया था।
डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया है कि यह फाइल ब्रिटिश खुफिया एजेंसी द्वारा इंटरसेप्ट की गई बातचीतों का सारांश थी, जिसमें कुछ ऐसे लोग शामिल थे जिन्हें विश्लेषकों ने भारत सरकार की ओर से काम करने वाला माना। इन बातचीतों में तीन संभावित लक्ष्यों- निज्जर, खांडा और पन्नू पर चर्चा की गई थी। बाद में एक बातचीत में यह भी कहा गया कि निज्जर को सफलतापूर्वक खत्म कर दिया गया है।
अवतार सिंह खांडा की मौत और विवाद
ब्रिटिश सिख कार्यकर्ता और खालिस्तान समर्थक अवतार सिंह खांडा की जून 2023 में बर्मिंघम के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। उसे ब्लड कैंसर था और ब्रिटिश अधिकारियों ने उसकी मौत को संदिग्ध परिस्थितियों से मुक्त बताया था। हालांकि, यूके में कुछ खालिस्तानी संगठनों ने इसे रहस्यमय मौत करार दिया था।
डॉक्यूमेंट्री के बाद, सिख फेडरेशन यूके ने ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री डैन जार्विस को पत्र लिखकर पूछा है कि जुलाई 2023 में मिली यह खुफिया जानकारी संसद में सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसदों को क्यों नहीं बताई गई। पत्र में कहा गया कि हम विशेष रूप से उस ब्रिटिश खुफिया जानकारी को लेकर चिंतित हैं जो अवतार सिंह खांडा की रहस्यमय मौत से जुड़ी हो सकती है।
गुरपतवंत सिंह पन्नू का बयान
डॉक्यूमेंट्री में अमेरिका में बसे सिख फॉर जस्टिस संगठन के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू का भी इंटरव्यू शामिल है। भारत ने पन्नू को खालिस्तानी चरमपंथ के लिए आतंकी घोषित कर रखा है। वीडियो में पन्नू सशस्त्र अंगरक्षकों से घिरा हुआ नजर आता है और कहता है कि उसे अपनी जान का खतरा है।
भारत की प्रतिक्रिया और कूटनीतिक प्रभाव
भारत ने एक बार फिर कनाडा के इन आरोपों को राजनीतिक लाभ के लिए रचा गया प्रचार अभियान बताया है। 2023 में उस समय के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई संसद में कहा था कि उनके सुरक्षा बल भारत सरकार के एजेंटों और निज्जर की हत्या के बीच विश्वसनीय संबंधों की जांच कर रहे हैं। इस बयान ने दोनों देशों के बीच एक गंभीर कूटनीतिक संकट खड़ा कर दिया था।
हालांकि, प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के सत्ता संभालने के बाद से स्थिति में नरमी आई है। कार्नी ने यह स्पष्ट किया है कि मामला जांच और न्यायिक प्रक्रिया के अधीन है और वे इसमें किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं करेंगे, जिससे कानून प्रवर्तन एजेंसियों और न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनी रहे।
हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून 2023 को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में सरे गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भारत सरकार ने 2020 में निज्जर को आतंकी घोषित किया था, जबकि कनाडा में वह सिख फॉर जस्टिस संगठन का एक प्रमुख चेहरा था, जो भारत में खालिस्तान नामक एक अलग सिख राष्ट्र की स्थापना की मांग करता है।
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