
नई दिल्ली। संसद ( Parliament) का बजट सत्र (Budget Session) 31 जनवरी से शुरू होगा। पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (President Draupadi Murmu) का अभिभाषण होगा और एक फरवरी को बजट पेश किया जाएगा। बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 13 फरवरी तक और दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बतौर वित्त मंत्री लगातार अपना आठवां बजट पेश करेंगी।
आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा
संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू (Parliamentary Affairs Minister Kiran Rijiju) ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने भारत सरकार की सिफारिश पर संसद के दोनों सदनों को बजट सत्र 2025 के लिए 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक बुलाने की मंजूरी दी है। इस दौरान संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के बाद आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा।
सत्र के दौरान दिल्ली चुनाव के दिन संसद में कार्यवाही नहीं की जाएगी। वहीं तीन फरवरी के बाद से राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चर्चा शुरू की जाएगी। बजट सत्र में कुल 27 बैठकें प्रस्तावित है।
रिजिजू ने कहा कि दोनों सदन 13 फरवरी को अवकाश के लिए स्थगित हो सकते हैं और विभिन्न मंत्रालयों व विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा के लिए 10 मार्च को फिर से शुरु होगा। सत्र के पहले चरण में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर दोनों सदनों में बहस होती है और संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री के जवाब के साथ यह संपन्न होता है।
आगामी बजट में हो सकता है जनगणना के लिए विशेष आवंटन
वर्ष 2021 की स्थगित जनगणना को कराने की प्रक्रिया की शुरुआत 2025 से हो सकती है। इसके लिए आगामी बजट में विशेष आवंटन किया जा सकता है। 2021 की जनगणना के लिए 2019 में ही 8,754 करोड़ रुपये और नेशनल पापुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने के लिए 3,931 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। छह साल बाद इसके लिए लगभग दोगुनी राशि की जरूरत पड़ेगी।
जनगणना पूरी करने के लिए 33 लाख से अधिक जनगणना कर्मियों को प्रशिक्षित करने और उनके लिए डिजिटल उपकरण खरीदने की जरूरत पड़ेगी, ताकि वे जनगणना के आंकड़े को डिजिटल रूप में एकत्रित कर सकें। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पहले कोरोना और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए जनगणना स्थगित करनी पड़ी थी, लेकिन सरकार ने इसे कराने का फैसला अब कर लिया है।
आगामी बजट में इसके लिए धन के आंवटन के साथ इसकी शुरुआत मानी जा सकती है। 33 लाख जनगणना कर्मियों को प्रशिक्षत करने के लिए मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण सितंबर या अक्टूबर के महीने में शुरू हो सकता है। इसके बाद राज्य और फिर जिले स्तर पर जनगणनाकर्मियों का प्रशिक्षण मार्च 2026 के पहले पूरा कर लिया जाएगा।
एनपीआर के डाटा को भी अपग्रेड किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार एक अप्रैल 2026 से घरों, मवेशियों, गाड़ियों व अन्य साजो-सामान की गिनती की प्रक्रिया शुरू होगी, जो 30 सितंबर 2026 तक चलेगी। घरों की गिनती के साथ ही एनपीआर के डाटा को भी अपग्रेड किया जाएगा।
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