
भोपाल। श्योपुर न्यायालय ने बड़ौदा के तत्कालीन एसडीओपी और वर्तमान में बुरहानपुर के एएसपी अभिषेक दीवान को छह महीने सश्रम कारावास और दो हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने यह सुजा फरियादी को अवैध रूप से 4 दिन तक हवालात में रखने और मारपीट करने के आरोप में सुनाई गई है।
कोर्ट से सजा मिलने के बाद अभिषेक दीवान को निलंबित किया जा सकता है। साथ ही विभागीय कार्रवाई भी होगी। श्योपुर के प्रथम श्रेणी न्यायाधीश सौरभ कुमार सिंह की अदालत ने यह फैसला 11 साल पुराने एक मामले में सुनाया। एडवोकेट केएन विजयर्गीय ने बताया कि वर्ष 2010 में जब अभिषेक दीवान श्योपुर जिले में बडौदा एसडीओपी के तौर पर पदस्थ थे, तब उनके खिलाफ पूरणलाल पुत्र हजारीलाल मीणा निवासी सिरसौद ने न्यायालय में परिवाद दायर किया था। परिवाद में पूरणलाल मीणा ने बताया था कि खूजरा पुत्र गोबरिया आदिवासी निवासी सिरसोद ने पूरणलाल व उसके परिवार के लोगों के खिलाफ जानलेवा हमले सहित अन्य कई धाराओं में आवदा थाने में मामला दर्ज कराया था।
चार दिन अवैध तरीके से हवालात में पिटाई
एसडीओपी रहे अभिषेक दीवान ने पूरणलाल को थाने बुलाकर न सिर्फ चार दिन अवैध तरीके से हवालात में रखा,बल्कि उसकी लाठियों से पिटाई भी की। जिससे उसके शरीर में कई जगह चोटें आईं। इसके बाद न्यायालय ने तत्कालीन एसडीओपी बड़ौदा और वर्तमान एएसपी बुरहानपुर अभिषेक दीवान को धारा 323, 342 में दोषी मानते हुए छह माह का सश्रम कारावास और दो हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है।
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