
डेस्क। गाजा (Gaza) पट्टी भूमध्य सागर के किनारे बसा एक छोटा सा क्षेत्र फलस्तीन का हिस्सा है और दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले इलाकों में गिना जाता था। यह क्षेत्र लगभग 365 वर्ग किलोमीटर में फैला है और यहां करीब 20 लाख से अधिक लोग रहते थे। इजरायल (Israel) के हमलों (Attack) से पहले गाजा में काफी चहल पहल दिखती थी। बाजार गुलजार रहते थे, लोग काम करते थे और सड़कों पर वाहन फर्राटा भरते हुए नजर आते थे।
गाजा की अर्थव्यवस्था को पहले से ही अच्छा नहीं कहा जा सकता है। व्यापार, आयात-निर्यात और रोजगार के अवसर कम ही थे। लोग खेती, मछली पकड़ने और छोटे व्यवसाय से गुजारा कर लेते थे। सीमित संसाधनों के बाद भी यहां लोग बड़े आराम से रहते थे। बिजली और पानी की आपूर्ति सीमित थी। फिर भी, गाजा के बाजारों में जीवन की हलचल बनी रहती थी। सब्जी, फल, कपड़े और मसाले बेचने वाले दुकानें और फुटपाथ पर बैठे विक्रेता लोगों की जरूरतें पूरी करते थे। बच्चे स्कूल जाते थे और पार्कों में खोलते थे। संसाधन कम थे लेकिन आम लोग खुश थे।
गाजा के लोग अपनी संस्कृति, परंपराओं और पारिवारिक संबंधों को लेकर बेहद जुड़ाव रखते थे। शादी-ब्याह, धार्मिक त्योहार और सामुदायिक आयोजन, कठिन परिस्थितियों के बावजूद खुशी का कारण बनते थे। रमजान, ईद और अन्य अवसरों पर लोग एक-दूसरे के घर आते-जाते थे। अस्पताल और क्लीनिकों में सुविधाएं कम थीं लेकिन सीमित संसाधनों के बावजूद डॉक्टर और नर्सें लोगों की देखभाल करते थे।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि गाजा में लोग अपने तरीके से जीवन का आनंद लेते थे। लेकिन, इस बीच लोगों के मन सुरक्षा को लेकर चिंता हमेशा बनी रहती थी, क्योंकि गाजा ने कई बार संघर्ष और हिंसा को देखा था। और फिर वो हुआ जो जिसका डर लोगों के मन में हमेशा बना रहता था। एक झटके में लोगों की जिंदगी ही बदल गई।
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