
नई दिल्ली (New Dehli) । CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act)को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। हालांकि, सरकार (Government)ने इसे लेकर तारीख का ऐलान (announcement)नहीं किया है, लेकिन अब संभावनाएं (the possibilities)जताई जा रही हैं कि आगामी 30 मार्च तक मसौदा तैयार हो सकता है। 31 दिसंबर 2014 से पहले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत में प्रवेश करने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को नागरिकता देने की बात कही गई है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने जल्द ही CAA का अंतिम मसौदा तैयार होने के संकेत दिए हैं। उन्होंने रविवार को कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का अंतिम मसौदा अगले साल 30 मार्च तक तैयार होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद ने उत्तर 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में सीएए को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आई है… कुछ मुद्दों को सुलझाया जा रहा है। कोई भी मतुआ समुदाय के लोगों से नागरिकता का अधिकार नहीं छीन सकता। अगले साल मार्च तक सीएए का अंतिम मसौदा तैयार होने की उम्मीद है।’ स्थानीय भाजपा सांसद एवं केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने उनका समर्थन किया।
उनके दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने कहा कि भाजपा को केवल चुनाव के दौरान मतुआ और सीएए की याद आती है। भगवा पार्टी पश्चिम बंगाल में कभी भी सीएए लागू नहीं कर पाएगी।
उन्होंने कहा, ‘भाजपा के झूठे दावे मतुआ और अन्य लोगों के सामने स्पष्ट हो रहे हैं। अगले साल के चुनाव में भगवा पार्टी को सभी खारिज कर देंगे।’ सेन ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने देश के नागरिक के रूप में मतुआ समुदाय के लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा, ‘हम पूरे साल समुदाय के लिए काम करना जारी रखेंगे, इसके विपरीत भाजपा केवल झूठे वादे करेगी।’
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