
नई दिल्ली । कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस (Congress) की तरफ से चलाई जा रहीं 5 योजनाओं (Plans) पर CAG ने चिंता जताई है। हाल ही में जारी कैग (CAG) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इन योजनाओं के चलते राज्य के वित्त पर काफी दबाव पड़ रहा है। विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) की अगुवाई वाली प्रदेश सरकार ने पांच योजनाओं को लागू करने का ऐलान किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य की वित्तीय हालत में कोविड-19 के बाद हुए सुधारों पर भी इसका असर पड़ रहा है। 2023-24 के लिए जारी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘मौजूदा सब्सिडी/आर्थिक सहयोग या फायदों को युक्तिसंगत बनाए बगैर पांच गारंटियों को लागू करने से प्रदेश के संसाधनों पर असर पड़ेगा। साथ ही राजकोषीय घाटे और कर्ज के स्तर पर भी इसका प्रभाव होगा…।’
रिपोर्ट में गृहलक्ष्मी, गृह ज्योति, अन्न भाग्य, शक्ति और युवा निधि की समीक्षा की गई थी। यह पाया गया है कि 2023-24 में राजस्व का करीब 15 प्रतिशत इन पर खर्च हुआ। जबकि, उस दौरान राजस्व में इजाफा महज 1.8 फीसदी का हुआ और खर्च 12.5 फीसदी बढ़ गया। इसकी मुख्य वजह पांच गारंटी बताई गईं हैं।
गिग कर्मियों के लिए विधेयक पास
कर्नाटक विधानसभा ने ‘गिग’ श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करने, उनकी सामाजिक, व्यावसायिक और स्वास्थ्य सुरक्षा की जिम्मेदारी उनके ‘एग्रीगेटर’ को देने संबंधी एक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी।
कर्नाटक प्लेटफॉर्म-आधारित गिग वर्कर्स (सामाजिक सुरक्षा और कल्याण) विधेयक, 2025, विभिन्न श्रेणियों के समन्यवकों या प्लेटफॉर्म के लिए प्रत्येक लेनदेन के दौरान कार्यकर्ता को भुगतान के 1 से 5 प्रतिशत का कल्याण शुल्क प्रस्तावित करता है।
विधेयक में विवाद समाधान तंत्र उपलब्ध कराने के लिए स्वचालित निगरानी और निर्णय लेने की प्रणालियों में पारदर्शिता, गिग श्रमिक कल्याण बोर्ड की स्थापना, मंच आधारित गिग श्रमिकों के लिए कल्याण निधि का सृजन तथा मंच आधारित गिग श्रमिकों को बोर्ड के साथ पंजीकृत होना आवश्यक करने का प्रावधान है।
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