
देवास। जिले में साइबर ठगी (Cyber Fraud) के 11 आरोपियों से थाने (Police Station) के अंदर लाखों रुपए कैश (Cash) लेकर उन्हें जमानत (Bail) देने के मामले में पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। एसपी पुनीत गेहलोद ने कमलापुर थाना प्रभारी उपेन्द्र नाहर और चापड़ा पुलिस सहायता केंद्र प्रभारी राकेश नरवरिया को सस्पेंड कर दिया।
दोनों अफसरों पर आरोप है कि इन्होंने आरोपियों से बड़ी रकम लेकर उन्हें कार्रवाई से बचाने का प्रयास किया। इस मामले में इंदौर में पदस्थ एक महिला अफसर की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है और उन पर भी कार्रवाई की संभावना है।
जानकारी के मुताबिक, कमलापुर थाना प्रभारी और चापड़ा के चौकी प्रभारी को पहले लाइन अटैच किया गया था। उपेंद्र नाहर कन्नौज थाने में तैनात किए गए थे, लेकिन विभागीय जांच के डर से थाने पर नहीं पहुंचे और सिक लीव लेकर चले गए। इसके बाद एसपी ने दोनों को सस्पेंड कर दिया और जांच का जिम्मा एएसपी कन्नौद सौम्या जैन को सौंपा।
मामले में वरिष्ठ अफसरों को भी गुमराह करने का आरोप है। विदिशा, इंदौर और अन्य स्थानों से लाए गए आरोपियों से थाने में कैश लिया गया, और कुछ वकीलों की मौजूदगी में जमानत दी गई। पीड़ित पक्ष को भी यह बताया गया कि रुपए जब्त नहीं किए गए और कोर्ट में कार्रवाई होगी।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर सिवनी जैसे कांड का मैसेज वायरल हुआ, जिसमें उच्च अधिकारियों और दोनों SI द्वारा लाखों रुपए लिए जाने की बात सामने आई। एसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की।
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