
कुछ उसूलों का नशा था कुछ मुक़द्दस ख्वाब थे,
हर ज़माने में शहादत के यही अस्बाब थे
सत्तर से शुरु कर सन 2012 तक अपनी ईमानदाराना सहाफत (पत्रकारिता) से पूरे सीहोर जिले में अनूठी पहचान बनाने वाले सहाफी मरहूम अम्बादत्त भारतीय को सीहोर के पत्रकार और अवाम बाबा के नाम से ज़्यादा जानते थे। अपनी कलम से आमफहम की आवाज़ बलंद करने वाले बाबा भारतीय की याद को मुस्तकिल बनाया जाएगा। लिहाज़ा, सीहोर शहर की खजांची लाइन का नाम अब मरहूम अम्बादत्त भारतीय के नाम किया जा रहा है। बाबा इसी खजांची लाइन के दो कमरों के किराए के मकान में बरसों रहे हैं। मैन रोड से सरस्वती स्कूल तक जा रही ये सड़क अब मरहूम अम्बादत्त भारतीय के नाम होगी।वहीं नगर पालिका की एक लायब्रेरी का नाम भी बाबा के नाम पे किया जाएगा। इतवार की दोपहर सीहोर में उनकी याद में हर बरस होने वाले पत्रकारिता सम्मान समारोह के मेहमाने खुसूसी नगर पालिका के अध्यक्ष प्रिंस राठौर ने बाबा की याद में सड़क का नाम करने का एलान किया। इसके लिए जल्द ही नगरपालिका की बैठक में तजवीस पेश की जाएगी।
उन्ने कहा के मरहूम अम्बादत्त भारतीय स्मृति पत्रकारिता शौध संस्थान की संगे बुनियाद भी जल्द ही रखी जाएगी।इस अवार्ड फंक्शन में मशहूर सहाफी शरद द्विवेदी को कुलहिन्द अवार्ड, राजगढ़ के सहाफी भानु ठाकुर को सूबाई अवार्ड और सीहोर के सहाफी सुमित शर्मा को जिला लेवल का अवार्ड दिया गया। यहां नगरपालिका अध्यक्ष गोपाल इंजीनियर ने खिताब करते हुए अपने पढ़ाई के दिनों में बाबा से जुड़ी कई यादें सुनाईं। इस मौके पे बाबा के खास शागिर्द रघुवर दयाल गोहिया ने भारतीय जी के किरदार की अज़मत बयां की। साबिक़ विधायक रमेश सक्सेना, बहादुर सिंह मुकाती और भोपाल के डॉ. जयप्रकाश पालीवाल ने बाबा की सहाफत, फक्कड़पन और ईमानदार किरदार को याद किया।
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