
नई दिल्ली. अनिल अंबानी (Anil Ambani) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. ईडी (ED) की पूछताछ के बाद सीबीआई (CBI) 17,000 करोड़ (17,000 crore) रुपये के बैंक धोखाधड़ी (Bank Fraud) मामले में अनिल अंबानी से जुड़े परिसरों की तलाशी ले रही है. सीबीआई सुबह 8 बजे से अनिल अंबानी के घर पर छापेमारी कर रही है. सीबीआई के 7 से 8 अधिकारी सुबह 8 बजे से ही सर्च ऑपरेशन कर रही है. इस दौरान घर पर ही अनलि अंबानी अपने परिवार के साथ मौजूद हैं.
कफ परेड सीविंड स्थित उनके आवास पर सुबह करीब सात से आठ बजे अधिकारी पहुंचे और तब से तलाशी जारी है. अनिल अंबानी और उनका परिवार आवास पर मौजूद हैं. इससे पहले अनिल अंबानी से ईडी ने पूछताछ की थी.
ईडी ने की थी अनिल अंबानी से पूछताछ
ED ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और एमडी अनिल अंबानी को कथित ₹17,000 करोड़ के लोन फ्रॉड केस की चल रही जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया था. उससे भी पहले ईडी ने अनिल अंबानी से जुड़ी व्यावसायिक संस्थाओं पर छापेमारी की थी. ईडी ने रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 50 व्यावसायिक संस्थाओं और 25 व्यक्तियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. ये छापे मुंबई में कम से कम 35 जगहों पर मारे गए थे, जो 24 जुलाई को हुए थे.
सीबीआई ने दर्ज किए थे एफआईआर
छापेमारी से पहले CBI ने दो एफआईआर दर्ज किए थे, जिसके बाद ईडी ने छापेमारी की थी. वहीं अब सीबीआई की भी जांच चल रही है. यह छापेमारी कथित 17000 करोड़ रुपये बैंक लोन फ्रॉड को लेकर है, जो वित्त वर्ष 2017-2019 के बीच यस बैंक द्वारा अनिल अंबानी की कंपनियों को अवैध तरीके से लोन के रूप में ट्रांसफर किया गया था.
ईडी सूत्रों के मुताबिक, अनिल अंबानी की कंपनियों को लोन दिए जाने से ठीक पहले, यस बैंक के प्रमोटर्स को उनके व्यवसाय में मोटा पैसा मिला था. बस इसी को लेकर रिश्वत और दोनों के बीच कनेक्शन की जांच चल रही है.
बैंक धोखाधड़ी मामले में आरकॉम और अनिल अंबानी से जुड़े परिसरों की सीबीआई तलाशी ले रही है. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने कथित बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में शनिवार को रिलायंस कम्युनिकेशंस के खिलाफ मामला दर्ज किया और उसके परिसरों की तलाशी ली. इस धोखाधड़ी से भारतीय स्टेट बैंक को 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि एजेंसी आरकॉम और उसके प्रमोटर निदेशक अनिल अंबानी से जुड़े परिसरों की तलाशी ले रही है.
इससे पहले वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले महीने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया था कि आरबीआई के धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर मास्टर निर्देशों और बैंक की बोर्ड की ओर से अनुमोदित धोखाधड़ी के वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और प्रबंधन नीति के अनुसार इन संस्थाओं को 13 जून को फ्रॉड के रूप में वर्गीकृत किया गया था. उन्होंने कहा था कि 24 जून 2025 को बैंक ने आरबीआई को धोखाधड़ी के वर्गीकरण की सूचना दी.
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