
नई दिल्ली। CBI ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी में कथित रूप से शामिल रियल एस्टेट डेवलपर्स (Real Estate Developers) और बैंकों पर बड़ी कार्रवाई शुरू की है। सीबीआई ने होमबायर्स के साथ फ्रॉड के लिए बिल्डरों और बैंकों के बीच साठगांठ से जुड़े मामलों की जांच करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत 22 मामले दर्ज किए हैं। सीबीआई ने अपने अलग-अलग मामलों में जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड, जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड, अजनारा इंडिया लिमिटेड, वाटिका लिमिटेड, जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड, सुपरटेक और आइडिया बिल्डर्स को नामजद किया है।
सीबीआई ने बताया कि एजेंसी की आर्थिक अपराध इकाई द्वारा दर्ज मामलों में भारतीय स्टेट बैंक, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, पीरामल फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा कैपिटल हाउसिंग फाइनेंस और पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड जैसे बैंकिंग और फाइनेंशियल कंपनियों के नाम भी शामिल हैं। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के जजों जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच के निर्देशों के बाद ये कार्रवाई की है। बेंच ने सीबीआई को अलग-अलग बिल्डरों और बैंकों के खिलाफ की जांच की मंजूरी दी थी।
सीबीआई ने 30 जुलाई को जारी एक बयान में कहा, “सीबीआई ने एनसीआर के दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में 47 जगहों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और कुछ इलेक्ट्रॉनिक सबूत जब्त किए गए हैं।” छापेमारी में बिल्डरों और बैंकों से जुड़े ऑफिसों और घरों को निशाना बनाया गया। बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट एनसीआर हाउसिंग प्रोजेक्ट्स, खासकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में, सब्सिडी योजनाओं के तहत फ्लैट बुक करने वाले 1200 से ज्यादा घर खरीदारों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।
बयान में कहा गया है, “एनसीआर में बिल्डरों/डेवलपर्स द्वारा ठगे जा रहे और वित्तीय संस्थानों द्वारा उनके खिलाफ की जा रही जबरदस्ती की कार्रवाई से परेशान हजारों घर खरीदारों ने राहत की गुहार लगाते हुए विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करके सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2025 में ‘होम लोन पर सबवेंशन स्कीम’ शुरू करके घर खरीदारों को धोखा देने में बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के बीच सांठगांठ को देखते हुए, सीबीआई को 7 प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज करने का निर्देश दिया।”
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