img-fluid

सीबीएसई और आईसीएसई का नहीं होगा मर्जर! सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

July 17, 2020


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देश भर में 6-14 साल से कम उम्र के सभी बच्चों के लिए एक समान पाठ्यक्रम, समान शिक्षा के लिए दिशा-निर्देश मांगने के लिए एक जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज कर दी। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर सुनवाई से इनकार किया। ये याचिका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता, अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर की थी।
“एक राष्ट्र एक शिक्षा बोर्ड” चुनने का सुझाव देते हुए, याचिका में शीर्ष न्यायालय से भारतीय माध्यमिक शिक्षा प्रमाणपत्र (आईसीएसई) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का विलय करने के निर्देश भी मांगे गए थे। कोर्ट ने कहा, आप अदालत से एक बोर्ड को दूसरे के साथ विलय करने के लिए कैसे कह सकते हैं? ये अदालत के काम नहीं हैं। पीठ ने याचिकाकर्ता को अपनी प्रार्थनाओं के साथ सरकार से संपर्क करने को कहा। आईसीएसई और सीबीएसई देश में स्कूलों में शिक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर के बोर्ड हैं।
देश में वन नेशन वन बोर्ड जारी थी, जिसके तहत देशभर में छह से 14 साल के बच्चों के लिए कॉमन सिलेबस लागू करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर थी। याचिका में कहा गया था कि केंद्र और राज्य सरकारों ने देशभर में समान एजुकेशन सिस्टम को लागू करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। याचिका के अनुसार, सामाजिक और आर्थिक समानता व न्याय के लिए सभी प्राइमरी स्कूलों में सिलेबस और करिकुलम एक जैसा रहना चाहिए। मौजूदा समय में हर एजुकेशन बोर्ड का अपना सिलेबस है। याचिका में कहा गया था, स्टेट बोर्ड स्टूडेंट्स के पास उतने संसाधन नहीं होते जिनसे वे सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों से होड़ कर सके।

 

Share:

  • भाजपा में हो रहा है मंथन, किसको बनाया जाए विधानसभा अध्यक्ष

    Fri Jul 17 , 2020
    भोपाल। मप्र शिव सरकार और भाजपा संगठन के लिए अब विंध्य अंचल के माननीय मुसीबत बन गए हैं। इनमें वे माननीय हैं, जो मंत्री पद के प्रबल दावेदार होने के बाद भी शपथ नहीं ले सके हैं। इसके चलते अब भाजपा के रणनीतिकारों को नए सिरे से रणनीति बनानी पड़ रही है। यही वजह है […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved