
भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) की अध्यक्षता में मंगलवार (2 सितंबर) को कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए. बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने बताया कि सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जो जनता के जीवन से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. बैठक में ‘हर घर में नल से जल’ पहुंचाने वाले जल जीवन मिशन पर भी बड़ा फैसला लिया गया और 9000 करोड़ रुपये से ज्यादा की मंजूरी दी गई है.
दरअसल, केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन के अधूरे कामों को पूरा करने के लिए फंड देने से मना कर दिया है, जिसके बाद इस प्रोजेक्ट का सारा भार राज्य सरकार पर आ गया है. इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट ने फैसला लिया कि 8358 अधूरी नल-जल योजनाओं को पूरा करने के लिए 9026.97 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि नल से जल योजना प्रधानमंत्री का बड़ा सपना है और मध्य प्रदेश ने इसको लेकर अच्छा काम किया है. जल जीवन मिशन के क्रियान्वन में वापस एक बार पुनरीक्षण करने के बाद लगा कि योजना अभी अधूरी है और पैसों की आवश्यकता है. अब जो भी लागत लगेगी मध्य प्रदेश सरकार अपने बजट से करेगी.
उन्होंने बताया कि 20765 करोड़ रुपये की लागत से 27990 एकल गांव योजना, 60,786 करोड़ रुपये की लागत से 148 समूह जल प्रधान योजना की स्वीकृति प्रदान की है. 15947 गांव की योजनाएं पूर्ण हो चुकी है, जबकि 12 हजार 43 ग्राम योजना के काम अभी प्रस्तावित हैं. 8358 योजनाएं फिर से चेक की जाएंगी और काम पूरा किया जाएगा. इसके लिए 9000 करोड़ से अधिक राशि स्वीकृत की गई है और संपूर्ण राशि राज्य सरकार वहन करेगी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जल शक्ति मंत्रालय ने इस वित्तिय वर्ष के शुरुआत जल जीवन मिशन परियोजना के लिए 2.79 लाख करोड़ रुपये का फंड मांगा था. लेकिन, व्यय वित्त समिति (EFC) ने 2028 तक जल जीवन मिशन के लिए केंद्र के हिस्से के रूप में 1.51 लाख करोड़ रुपये की सिफारिश की. फंड में करीब 46 प्रतिशत की कटौती के बाद पैसे की कमी को पूरा करने की जिम्मेदारी राज्यों पर पड़ गई है.
बता दें कि जल जीवन मिशन परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट हैं और उन्होंने 15 अगस्त 2019 को इसकी शुरुआत की थी. इसके तहत 16 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था. पीएम मोदी की घोषणा से दो दिन पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन को मंजूरी दी थी.
उस समय मंत्रालय ने बताया था कि देश के 17.87 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से लगभग 14.6 करोड़ (81.67%) के पास घरेलू नल कनेक्शन नहीं हैं. इसके लिए कुल 3.60 लाख करोड़ रुपये का आवंटन तय किया गया था, जिसमें 2.08 लाख करोड़ रुपये केंद्र और 1.52 लाख करोड़ रुपये राज्यों का हिस्सा निर्धारित किया गया था.
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