नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Government) ने 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों (Petrol vehicles) को स्क्रैप (Junk) करने वाले स्क्रैप सेंटरों में हेराफेरी पर रुख अपनाया है। सरकार ने कहा है कि मानकों का पालन नहीं करने पर स्क्रैप सेंटरों पर बैन लगाया जाएगा।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्क्रैप नीति के तहत विभाग ने 2021 में दिशा-निर्देश जारी किए थे। पुराने वाहनों को स्क्रैपिंग के लिए इनका पालन करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि कई स्क्रैप सेंटर पुराने वाहनों को दूसरे राज्यों में बेच रहे हैं, जहां पुराने वाहनों का चलाने की अनुमति है।
स्क्रैप सेंटर में पहुंचने वाले पुराने वाहनों (सर्टिफिकेट ऑफ डिपोजिट) और वाहनों के स्क्रैप होने के आंकड़ों में भारी अंतर पाया गया है। विशेषकर पुराने सरकारी वाहनों की खरीद में हेराफेरी की जा रही है। अधिकारी ने बताय कि सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर मानकों का पालन नहीं करने वाले स्क्रैप सेंटरों पर बैन लगाने के लिए कहा है।
ऑडिट रिपोर्ट में पकड़ में आईं गड़बड़ियां
मोटर वाहन (वाहन स्क्रैपिंग सुविधा का पंजीकरण और कार्य) नियम, 2021 के नियम 14 के अनुसार, स्क्रैप सेंटरों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में ऑडिट करना अनिवार्य है। 31 मई तक राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली पोर्टल पर ऑडिट रिपोर्ट जमा करना होता है। स्क्रूटनी करने पर स्क्रैप सेंटरों की गड़बड़ियां पकड़ में आई हैं। कई स्क्रैप सेंटरों ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट अभी तक जमा नहीं की है। उनसे रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है।
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