
वियना। मध्य यूरोप (Central Europe) में स्थित ऑस्ट्रिया ( Austria, located) में हाल ही में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने वाले बिल को मंजूरी मिल गई है। ऑस्ट्रियाई सांसदों ने गुरुवार को 14 साल से कम उम्र की लड़कियों के स्कूलों में हेडस्कार्फ़ पर बैन लगाने वाले कानून के पक्ष में भारी बहुमत से समर्थन दिया है। इससे पहले ऑस्ट्रिया की सरकार ने इस साल की शुरुआत में इस बैन का प्रस्ताव दिया था। सरकार ने तर्क दिया है कि इसका मकसद लड़कियों को उत्पीड़न से बचाना है।
सरकार ने बताया कि नए नियम सितंबर में नए वार्षिक सत्र की शुरुआत के साथ पूरी तरह से लागू हो जाएंगे। इसके बाद कुछ समय तक शिक्षकों, माता-पिता और बच्चों को नए नियमों के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस दौरान नियम तोड़ने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। हालांकि बार-बार नियमों का पालन न करने पर, माता-पिता को 150 से 800 यूरो यानी करीब 175-930 डॉलर तक का जुर्माना देना होगा। सरकार ने कहा है कि इस नए कानून से लगभग 12,000 लड़कियां प्रभावित होंगी।
बता दें कि इससे पहले 2019 में भी देश ने प्राइमरी स्कूलों में हेडस्कार्फ़ पर बैन लगा दिया था। हालांकि संवैधानिक अदालत ने इस फैसले को रद्द कर दिया था। अब एक बार फिर इस तरह के कानून को लागू करने की खबर सामने आने के बाद मानवाधिकार समूहों और विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह कानून मुस्लिमों के प्रति भेदभावपूर्ण है और सामाजिक विभाजन को और गहरा कर सकता है।
वहीं बिल पेश करते समय सरकार ने कहा है कि इस तरह के पर्दे से लड़कियों की आजादी छिनती है। बिल पेश कर रहीं मंत्री ने कहा, “जब किसी लड़की को… यह कहा जाता है कि उसे पुरुषों की नजर से खुद को बचाने के लिए अपने शरीर को छिपाना होगा, तो यह कोई धार्मिक रिवाज नहीं, बल्कि उत्पीड़न है।”
मंत्री ने कहा कि यह बैन हिजाब और बुर्का सहित इस्लामी पर्दे के सभी रूपों पर लागू होगा। एक अन्य सांसद यानिक शेट्टी ने कहा कि हेडस्कार्फ सिर्फ कपड़ों का एक टुकड़ा नहीं है बल्कि इसके जरिए लड़कियों को सेक्सुअलाइज किया जाता है।
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