
डेस्क: खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Temple) राजस्थान के सीकर जिले (Sikar District) में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल माना जाता है, जो बाबा खाटू श्याम को समर्पित है. बाबा खाटू श्याम को बर्बरीक (Barbarian) के रूप में भी जाना जाता है, जिन्होंने महाभारत काल में भगवान कृष्ण (Lord Krishna) को अपना शीश समर्पित कर दिया था. यहां बाबा के दर्शन करने रोजाना भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. अगर आप भी खाटू श्याम बाबा के दर्शन करने सीकर जा रहे हैं तो जाने से पहले टाइम टेबल जरूर देख लें, क्योंकि बाबा के दर्शन की टाइमिंग में बड़ा बदलाव किया गया है.
श्री श्याम मंदिर कमेटी ने बाबा के दर्शन की टाइमिंग में बदलाव करते हुए निर्णय लिया है कि विश्व प्रसिद्ध खाटूश्याम मंदिर के कपाट अब हर शनिवार की रात 10 बजे बंद होंगे. श्री श्याम मंदिर कमेटी के मंत्री मानवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि श्री श्याम मंदिर में प्रचलित प्राचीन परंपरा और व्यवस्थाओं को सुचारू रखने के लिए हर शनिवार रात 10 बजे से लेकर रविवार सुबह 5 बजे तक श्याम बाबा के पट बंद रहेंगे.
कई सालों से खाटू श्याम मंदिर पहले हर शनिवार को 24 घंटे खुला रहता था, जिससे देशभर से श्रद्धालु बिना समय सीमा के दर्शन के लिए पहुंचते थे. लेकिन अब से हर शनिवार को रात 10 बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे, जिससे मंदिर में कार्यरत स्वयं सेवक और कर्मचारियों को आराम मिल सके. फिर अगले दिन रविवार को सुबह 5 बजे दर्शन के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे.
वहीं, कुछ महीने पहले भी श्री श्याम मंदिर कमेटी ने निर्णय लेकर शनिवार, रविवार, शुक्ल पक्ष की एकादशी और द्वादशी को छोड़कर अन्य दिवसों में दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक मंदिर के कपाट बंद का पत्र भी जारी किया था. ऐसे में अगर आप शनिवार को खाटू श्याम मंदिर जाने के बारे में सोच रहे हों, तो दर्शन के नए टाइम का खास ध्यान रखें.
खाटू श्याम मंदिर के कपाट सुबह 4:00 बजे मंगला आरती के बाद सुबह 5:00 बजे खुलते हैं. फिर रात 10:00 बजे तक कपाट भक्तों के लिए खुले रहते हैं. गर्मियों में दोपहर 2:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक मंदिर बंद रहता है, क्योंकि इस दौरान बाबा विश्राम करते हैं. एकादशी के दिन मंदिर पूरे दिन 24 घंटे खुला रहता है.
खाटू श्याम मंदिर में दर्शन के लिए कुछ नियम हैं जिनका पालन करना जरूरी माना गया है. अगर आप खाटू श्याम जी दर्शन करने जा रहे हैं तो मंदिर में प्रवेश करते समय उचित वेशभूषा का ध्यान रखें, मंदिर के अंदर फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी न करें और मंदिर परिसर में शांति बनाए रखें.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved