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बड़ा खौफनाक था छांगुर बाबा का इरादा, कोठी को आतंकी कैंप बनाने की थी तैयारी; ATS ने किया खुलासा

July 18, 2025

नई दिल्‍ली । धर्मान्तरण(Conversions) के साथ अन्य राष्ट्र विरोधी गतिविधियों(Anti national activities) में शामिल जलालुद्दीन उर्फ छांगुर(Jalaluddin alias Changur) के बारे में रोज नये खुलासे हो रहे हैं। छांगुर अपनी मधपुर उतरौला स्थित कोठी को आतंकी ट्रेनिंग कैम्प बनाने की तैयारी में था। एटीएस ने भी अपने एफआईआर में छांगुर से पूछताछ के बाद इस मामले का जिक्र किया है। एटीएस की एफआईआर में इस बात का जिक्र है कि छांगुर अपनी एक बड़ी इमारत को टेरर कैम्प के रूप में इस्तेमाल करने की साजिश रच रहा था। जो राष्ट्रीय सुरक्षा एवं साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा था।


एटीएस सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों रिमांड के दौरान धर्मान्तरण के आरोपी छांगुर और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन ने कई राज उगले हैं। एटीएस सूत्रों की मानें तो पूछताछ के दौरान छांगुर का नेपाल के जरिये आईएसआई से कनेक्शन भी सामने आया है। वह अपनी अलीशान कोठी को आतंकी ट्रेनिंग कैम्प बना रहा था। एटीएस ने अपनी एफआईआर में न सिर्फ इसका जिक्र किया है, बल्कि इसमें यह भी कहा गया है कि उसने विदेशी फंडिंग के जरिये कई लग्जरी गाड़ियों को खरीदने के साथ-साथ प्रमुख जगहों पर जमीनों की खरीद फरोख्त की थी। जो जमीनें उसने खासकर नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में खरीदा था वहां पर भी वह टेरर कैम्प बनाना चाह रहा था।

नीतू की लाल डायरी में कई राज छिपे

ईडी के छापे में नीतू उर्फ नसरीन के कमरे में लाल रंग की एक डायरी मिली है। इसमें पुलिस व राजस्व के कई अधिकारियों के नाम हैं। साथ ही कुछ स्थानीय नेताओं के नाम भी लिखे मिले हैं। चर्चा यह रही कि छांगुर के कहने पर नीतू ने यह डायरी बनाई थी। इसमें छांगुर के कहने पर सारा लेन-देन दर्ज किया जाता है। इसमें उन पुलिस व तहसील कर्मियों के भी नाम है जो अक्सर छांगुर से रकम ले जाते थे। इस रकम के बदले वह छांगुर के कामों को करते थे। साथ ही छांगुर के कहने पर जिनकी मदद की जाती थी, उनके भी नाम है। इस डायरी के आधार पर आरोपितों से पूछताछ की जाएगी।

दारुल इस्लाम गुफा नाम से बनाया था मदरसा

एटीएस की एफआईआर में यह कहा गया है कि धर्मान्तरण के आरोपी छांगुर ने दारूल इस्लाम गुफा नाम से एक मदरसे का निर्माण कराया था, जहां पर विदेशी नागरिकों का आना जाना था। मुश्लिम देशों से आने वाले लोग यहां पर नव जवान युवकों को ट्रेनिंग देते थे। भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के साथ-साथ शरिया कानून को लेकर लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा था। बताया जाता है कि छांगुर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रयास कर रहा था।

डेमोग्राफी बदलने के लिए खरीदी थीं जमीनें

एटीएस की एफआईआर में इस बात का खुलासा हुआ है कि छांगुर डेमोग्राफी चेंज करने के लिए कई जगहों जमीनें खरीदी थी। जहां पर वह आतंकी कैम्प खोलने की फिराक में था। एटीएस सूत्रों की मानें तो एफआईआर में इस प्रकरण को दर्ज किया गया है कि छांगुर प्रजातांत्रिक तरीकों को हटाकर शरिया कानून को लाना और लागू कराना चाह रहा था। वह एक बड़े मिशन पर काम कर रहा था। कहा जाता है कि नेपाल के जरिये वह भारत को गजवा-ए-हिंद बनाने की फिराक में था।

गोंडा के व्यवसायी संग नेपाल में जमाए थे पांव

छांगुर ने गोंडा के एक बड़े होटल व्यवसायी के जरिये नेपाल में अपना पांव जमाया था। यह होटल व्यवसायी छांगुर का बेहद करीबी है। होटल व्यवसायी के कई लोग नेपाल के विभिन्न जिलों में अपना व्यवसाय कर रहे हैं। इस होटल व्यवसायी के माध्यम से छांगुर जब भी नेपाल जाता तो उसे वहां ठहने आदि में कोई दिक्कत नहीं होती थी। छांगुर के करीबी गोंडा के इस होटल व्यवसायी से भी एटीएस ने सम्पर्क साधा है। जल्द ही इससे भी पूछताछ की जायेगी। सूत्र यह भी बताते हैं कि नेपाल में छांगुर के नेटवर्क को विस्तार देने में इस व्यवसायी का महत्वपूर्ण योगदान था।

भतीजे को हिरासत में लिया, 12 घंटे बाद छोड़ा

एसटीएफ ने छांगुर के भतीजे सबरोज को बुधवार देर रात हिरासत में ले लिया। उससे उतरौला कोतवाली में कई घंटे पूछताछ की गई। इस दौरान कई दस्तावेज भी उसे दिखाए। कुछ सवालों का जवाब संतोषजनक नहीं दिया तो उसे कॉल डिटेल दिखाई गई। इसके बाद उसने कई जानकारियां दी। सबरोज एटीएस की एफआईआर में नामजद है। सबरोज के दो रिश्तेदारों की भी इस मामले में तलाश की जा रही है।सबरोज उतरौला के रेहरामाफी गांव का रहने वाला है। वह बुधवार रात को बस स्टेशन के पास था, तभी एसटीएफ ने उसे हिरासत में ले लिया था। एसटीएफ उसे लेकर उतरौला कोतवाली ले गई। बताया जाता है कि छांगुर अपने इस भतीजे पर सबसे अधिक विश्वास करता था। वह उसे हर बात बताता था। सबरोज इससे पहले दो रिश्तेदारों रशीद व शहाबुद्दीन के साथ धर्मांतरण के एक मामले में आजमगढ़ से गिरफ्तार हो चुका है। ये दोनों भी नामजद है और फरार हैं।

छोड़ने पर कई तरह की चर्चाएं

सबरोज को जैसे ही उतरौला से उसके घर तक ले जाकर छोड़ा गया, उसके बाद ही कई तरह के कयास लोग लगाने लगे। सब यही जानना चाह रहे हैं कि आखिर उसे पकड़ा क्यों गया।

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