
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) ने किसानों की समृद्धि के लिए (For the prosperity of Farmers) अपना जीवन समर्पित कर दिया (Dedicated his Life) । उन्होंने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री और ‘भारत रत्न’ चौधरी चरण सिंह को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की ।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ चौधरी चरण सिंह को उनकी जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। उन्होंने समाज के वंचित वर्गों के कल्याण के साथ-साथ कृषि की प्रगति और किसानों की समृद्धि के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को कृतज्ञ राष्ट्र कभी भुला नहीं सकता।” इस अवसर पर जारी एक वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा, “चौधरी साहब (चौधरी चरण सिंह) ने छोटे किसानों के लिए जो किया, उसे देश कभी नहीं भूल सकता है। चौधरी साहब से प्रेरणा लेकर हम देश के किसानों को निरंतर सशक्त कर रहे हैं। हम देश की खेती को एक नए रास्ते पर ले जाने के लिए किसानों को मदद और प्रोत्साहन दे रहे हैं। प्राकृतिक खेती और मिलेट पर फोकस के पीछे भी यही थे।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “चौधरी साहब ने अपना जीवन किसानों की समृद्धि के लिए समर्पित किया। हमारी सरकार भी किसानों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए काम कर रही है। उत्तर प्रदेश की धरती के बेटे चौधरी साहब का सम्मान करना देश के करोड़ों मजदूर और किसानों का सम्मान है।” बता दें कि चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ था। वे भारत के पांचवें प्रधानमंत्री रहे।
चौधरी चरण सिंह किसानों के अधिकारों तथा ग्रामीण विकास के लिए जीवनभर संघर्ष करते रहे। उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार का पूरा श्रेय उन्हें जाता है। ग्रामीण देनदारों को राहत प्रदान करने वाला विभागीय ऋणमुक्ति विधेयक-1939 को तैयार करने और इसे अंतिम रूप देने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। उनकी तरफ से की गई पहल का ही परिणाम था कि उत्तर प्रदेश में मंत्रियों के वेतन और उन्हें मिलने वाले अन्य लाभों को काफी कम कर दिया गया था। मुख्यमंत्री के रूप में जोत अधिनियम-1960 को लाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। यह अधिनियम जमीन रखने की अधिकतम सीमा को कम करने के उद्देश्य से लाया गया था, ताकि राज्य भर में इसे एक समान बनाया जा सके।
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