
रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में 10 नगर निगमों (10 Municipal Corporations), 49 नगर पालिका परिषदों (49 Municipal Councils) और 114 नगर पंचायतों (114 Nagar Panchayats) के लिए मंगलवार को मतदान हो रहा है, जिसमें मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भाजपा (Ruling BJP) और विपक्षी कांग्रेस (Opposition Congress) के बीच है. एक अधिकारी ने बताया कि सुकमा और दुर्ग नगर निकायों के पांच वार्डों के लिए उपचुनाव के लिए भी मतदान हो रहा है।
अधिकारी ने बताया कि नगर निकाय चुनाव में ईवीएम के जरिए सुबह आठ बजे से 5 बजे तक मतदान होगा. 10,000 से अधिक उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. उनके भाग्य का फैसला 44,90,360 मतदाता करेंगे, जिनमें 22,08,625 पुरुष, 22,81,226 महिलाएं और 509 थर्ड जेंडर शामिल हैं. मतदान के लिए कुल 5,970 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इनमें से 1,531 को संवेदनशील और 132 अतिसंवेदनशील में रखा गया है. वहीं, उपचुनाव के लिए 20 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
15 फरवरी को होगी मतगणना
अधिकारी ने कहा कि बसना नगर पंचायत के अध्यक्ष और विभिन्न नगर निकायों में 32 पार्षद निर्विरोध चुने गए हैं. अधिकारी ने बताया कि निकाय चुनाव का मतगणना 15 फरवरी को होगी।
बीजेपी-कांग्रेस के बीच मुलाबला
रायपुर नगर निगम में महापौर पद के लिए भाजपा की मीनल चौबे को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने दीप्ति दुबे पर दांव लगाया है. दीप्ति दुबे पूर्व मेयर प्रमोद दुबे की पत्नी हैं. राजनांदगांव नगर निगम में मेयर पद के लिए बीजेपी ने कांग्रेस के निखिल द्विवेदी के खिलाफ पूर्व सांसद मधुसूदन यादव को मैदान में उतारा है. अंबिकापुर नगर निगम में महापौर पद के लिए कांग्रेस के डॉ. अजय तिर्की और भाजपा की मंजूषा भगत के बीच मुकाबला होगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने “ट्रिपल इंजन” सरकार (केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों में भाजपा शासन) के लिए वोट मांगने के लिए भाजपा के अभियान का नेतृत्व किया, जबकि कांग्रेस के अभियान में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता चरण दास महंत शामिल थे.
अपने घोषणापत्र में भाजपा के 20 प्रमुख वादों में महिलाओं के स्वामित्व वाली संपत्तियों पर संपत्ति कर में 25 प्रतिशत की छूट, बाजार स्थानों में महिलाओं के लिए ‘गुलाबी शौचालय’ का विस्तार, स्कूलों और कॉलेजों में मुफ्त वाई-फाई सुविधा, स्कूलों और कॉलेजों में महिला छात्रों को मुफ्त सैनिटरी पैड और सभी नगर निगम क्षेत्रों में सिकल सेल स्क्रीनिंग केंद्र शामिल हैं.
कांग्रेस ने सार्वजनिक सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी, सार्वजनिक स्थानों पर मुफ्त वाई-फाई, स्कूलों और कॉलेजों के पास सीसीटीवी कैमरे लगाने, स्कूल और कॉलेजों में महिला छात्रों को मुफ्त सैनिटरी पैड और नगर निगमों के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया है.
बता दें कि 2019-2020 में हुए पिछले शहरी निकाय चुनावों में तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस ने सभी 10 नगर निगमों में मेयर पदों पर जीत हासिल की थी. उस वक्त चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से होते थे, जिसके तहत निर्वाचित नगर सेवक अपने बीच से एक महापौर और अध्यक्ष चुनते थे. यह अप्रत्यक्ष पद्धति प्रणाली 2019 में तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार द्वारा शुरू की गई थी. हालांकि, साई सरकार ने प्रत्यक्ष चुनाव की पिछली सिस्टम को बहाल कर दिया. इस सिस्टम में लोग मेयर पद के उम्मीदवारों के लिए मतदान करेंगे.
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