
सुकमा । छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा जिले (Sukma district) के तुमालपाड़ गांव (Tumalpad Village) में नक्सली दहशत (Naxal terror) के कारण आजादी के बाद से अब तक तिरंगा (Tiranga) नहीं फहराया गया था. लेकिन इस बार 26 जनवरी यानि कि रविवार को तुमालपाड़ में सुरक्षा बलों के जज्बे से पहली बार तिरंगा फहराया गया. यहां बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने मिलकर पहली बार निर्भय होकर पूरे हर्षोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाया.
आजादी मिलने के बाद से यहां नक्सलियों के डर की वजह से तिरंगा नहीं फहराया गया था. हालांकि, देश के 76वें गणतंत्र दिवस पर सीआरपीएफ 74वीं वाहिनी के कमांडेंट के नेतृत्व में ग्रामीणों ने साथ मिलकर पहली बार राष्ट्रीय त्यौहार का जश्न मनाया. इस अवसर पर कमांडेंट हिमांशु पांडे ने ग्रामीणों को गणतंत्र का महत्व समझाया और सुरक्षा बल के जवानों ने तिरंगा फहराने के बाद ग्रामीणों को मिठाई बांटी.
चिंतलनार में एक वर्ष में खुले 16 से ज्यादा पुलिस कैंप
सुकमा जिले में नक्सलियों के गढ़ कहे जाने वाले पूवर्ती, चिंतलनार इलाके में एक वर्ष में 16 से ज्यादा पुलिस कैम्प खुले हैं. कभी चिंतलनार नक्सलियों का कोर इलाका था. यही वजह है कि आज तक वहां पर शासन की कोई योजना धरातल पर नहीं पहुंच पाई है. लेकिन पुलिस कैंप खुलने से यहां पर सरकारी योजनाओं को लेकर पहल तेज कर दी गई है.
आपको बता दें कि भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के इंडिया गेट स्थित कर्तव्य पथ पर शानदार परेड हुई. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर्तव्य पथ पर हुए इस प्रोग्राम में शामिल होने के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के साथ पहुंचीं और तिरंगा फहराया. परेड के दौरान 16 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और केंद्रीय मंत्रालयों की झांकियों के जरिए भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन किया गया.
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