
इंदौर। मुख्यमंत्री हेल्प लाइन को खुद ‘हेल्प’ की जरूरत है। जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद 5344 आवेदक नियत समय के बावजूद धक्के खाने को मजबूर हैं। इन आवेदकों ने 24 विभागों से ममद मांगी, लेकिन अधिकारियों को इनकी सुनवाई करने का समय ही नहीं मिल रहा है। गृह विभाग, जनजाति कार्य विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण विभाग, श्रम विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग जैसे कुछ विभाग के अधिकारी शिकायतों का अंबार अपनी टेबलों पर लगाते जा रहे हंै।
लाख कोशिशों के बावजूद इन विभागों के आवेदकों को न्याय नहंीं मिल पा रहा है। सीएम हेल्प लाइन की जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार 50 दिन से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद इन 24 विभागों के 5344 आवेदकों को सिर्फ धक्के ही नसीब हो रहे हैं। पिछली बैठक में कलेक्टर के सख्त निर्देश के बाद भी अधिकारी गिनी-चुनी शिकायतों का ही निराकरण कर पाए हैं। पिछली समीक्षा बैठक में 5968 समस्याएं पेंडिंग थीं, जिनमें से अब भी 5344 लंबित नजर आ रही हैं।
यह हैं विभागवार आंकड़े
– स्कालरशिप व अन्य समस्याओं को लेकर भटक रहे 944 विद्यार्थियों को न्याय नहीं मिल सका है।
– पुलिस प्रशासन के पास न्याय की उम्मीद लेकर पहुंचे 1975 आवेदक अब भी भटक रहे हैं।
– जनजाति कार्य विभाग के आवेदकों की 208 समस्याएं पेंडिंग हैं।
– नगरीय एवं आवास विभाग से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे 515 आवेदक भटक रहे हैं।
– राजस्व विभाग के माध्यम से सीमांकन, बंटाकन और नामांतरण जैसे प्रकरणों के साथ विवादित प्रकरणों को निपटाने के लिए 461 आवेदक न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
– स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे अतिमहत्वपूर्ण विभाग में भी 273 और 118 शिकायतें पेंडिंग हैं।
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