
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मप्र के प्रशासनिक अफसरों को जनता के बेहतर सेवा के लिए गीता का पाठ पढ़ाया। सिविल सेवा दिवस पर नरोन्हा प्रशासनिक अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मुझे मप्र की इस टीम पर गर्व हैÓ। कोरोना के कठिन समय में भी मप्र के लोग सेवकों ने कठिन काम किया है। मुख्यमंत्री ने अफसरों को आशावादी, धैर्यवावन, उत्साही, अहंकार शून्य होने के टिप्स भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मप्र की इसी टीम के साथ मिलकर कई योजनाएं बनाईं और उनका सफल क्रियान्वयन भी किया है। जनता के बीच से आइडिया आए और इन आइडिया के से जनता की जिंदगी बदली। कोरोना काल का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक सेवकों ने कठिन काम किया। अस्पताल के बिस्तर पर हों या घर के विस्तर पर वहां से काम किया। सिविल सेवा केवल कॅरियर नहीं है, देश के निर्माण और जनता की सेवा का मार्ग है। पैसा कहीं से भी कमा सकते हैं, विदेशों में पैसा कमा सकते थे। इससे पहले मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि यह आयोजन 2 साल बाद हो रहा है। पहली बार इसमें सभी लोक सेवकों को शािमल किया गया है। आयोजन में कोरोना काल में लोक सेवकों द्वारा किए गए चुनौतीपूर्ण कार्य की फिल्म भी दिखाई गई। बैंस ने कहा कि प्रशासनिक मुखिया होने के नाते 2 साल के कठिन काल में उन्हें काम करने का सौभाग्य मिला। जिसमें सभी लोक सेवकों ने कठिन काम किया।
ये दिए टिप्स
मुख्यमंत्री ने अफसरों को टिप्स देते हुए कहा कि सदैव बेहरत करने की सोचो, ट्रैनिंग लो, आशावादी रहो, हम लोगों के लिए ही हैं ऐसा भाव मन में रखो। मुख्यमंत्री ने अफसरों पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग ऐसे जो नीचे नहीं देखत, आसमान में देखते हैं।
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