
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने सफाई कर्मचारियों (Sanitation Workers) का पुष्पवर्षा कर सम्मान किया (Honored by showering flowers on them) । सीएम योगी ने मंगलवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में सफाई कर्मचारियों को नींव का पत्थर बताते हुए कहा कि इन्होंने स्वच्छ महाकुंभ के संदेश को साकार किया है।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने सफाईकर्मियों के सम्मान के इस पहले सार्वजनिक आयोजन की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कार्य संपन्न होने के बाद अक्सर हर व्यक्ति अपनी राह पकड़कर आगे की सोचने लगता है। नींव पर बनी इमारत में सब रहते हैं, लेकिन पत्थर भुला दिए जाते हैं। उनके महत्व को विस्मृत कर दिया जाता है। ‘महाकुंभ की नींव’ को जिन स्वच्छता कर्मियों ने सुदृढ़ करने का प्रयास किया, जिनकी बदौलत यह दिव्य-भव्य महाकुंभ हो पाया। उनके सम्मान का यह कार्यक्रम अभिभूत करने वाला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी आयोजन सफलता की ऊंचाई पर तब पहुंचता है, जब सब लोग सामूहिक भाव के साथ मिलकर प्रयास करते हैं। सामूहिक प्रयास का परिणाम सफलता होती है। सामूहिक प्रयास को जब सकारात्मक भाव के साथ देखते हैं तो समाज के लिए वह प्रेरणा बन जाती है। प्रयागराज में भी ऐसा ही हुआ। बुजुर्ग माता-पिता को महाकुंभ में स्नान कराने के लिए यूएस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके समेत तमाम देशों से लोगों के फोन आए।
उन्होंने आगे कहा कि जो भी महाकुंभ में आया, उसने सफाई और सुरक्षाकर्मियों की प्रशंसा अवश्य की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजन दिया था कि हमारे आयोजन लोगों को अंतःकरण से संतुष्टि दे सकें, क्योंकि स्वच्छता अंतःकरण की संतुष्टि का पहला और व्यवहार दूसरा पैमाना होता है। मुख्यमंत्री योगी ने 45 दिनों में आने वाले 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ ने आस्था को आर्थिकी के साथ जोड़ने के बड़े अभियान को आगे बढ़ाया है। महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज जैसे शहर के विकास को बढ़ाने में काफी सफल रहा। एक समय प्रयागराज माफियाराज से जकड़ चुका था, दुर्दांत माफिया पूरे प्रयागराज को रौंद रहे थे। आज महाकुंभ के कारण उसका कायाकल्प हो गया। यहां विकास के अनेक बड़े-बड़े कार्य हुए। महाकुंभ के कारण यह प्राचीन और पौराणिक नगरी आज नए कलेवर के रूप में दिखाई दे रही है।
उन्होंने हर स्नान पर आने वाले श्रद्धालुओं का भी आंकड़ा बताया और कहा कि जो लोग जितना दुष्प्रचार-अफवाह फैलाते थे, उन्हें जवाब देने के लिए जनता उतनी ही मजबूती से प्रयागराज आ धमकती थी। बहुत लोग जनता से नकारात्मक बुलवाने का प्रयास करते थे। उन्होंने एक वाकया सुनाते हुए बताया कि एक यूट्यूबर कर्नाटक से आए श्रद्धालु से पूछ रहा था कि कितना पैदल चले, उत्तर मिला- पांच किमी। फिर उसने कहा कि पता है, अभी कितना और पैदल चलना होगा, तो श्रद्धालु ने कहा कि नहीं। इस पर यूट्यूबर ने बताया कि अभी पांच किमी और। श्रद्धालु ने कहा कि 50 भी चलना पड़े तो जाऊंगा। प्रश्न करने वाले ने कहा कि सरकार को व्यवस्था देनी चाहिए थी। श्रद्धालु ने कहा कि पैदल मैं चल रहा हूं, परेशानी तुम्हें क्यों हो रही है। भगवान के धाम तो पैदल ही जाना चाहिए। यह हमारे लिए साधना है।
सीएम ने कहा कि सनातन धर्म का भाव ही कृतज्ञता का होता है। किसी ने यह नहीं बोला कि यह सरकारी आयोजन है, सबने इसे अपना आयोजन माना। जो भी आया, वह आयोजन को आशीर्वाद देकर ही गया। यह मानवता का अब तक का सबसे बड़ा समागम था, जिसने देश-दुनिया को बहुत कुछ संदेश दे दिया है। इतने बड़े आयोजन भी हो सकते हैं, क्राउड मैनेजमेंट का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया जा सकता है। आस्था को आजीविका के साथ भी बदला जा सकता है और ढेर सारे लोगों के जीवन में परिवर्तन भी लाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि मैं आयोजन संपन्न होने के बाद 27 फरवरी को प्रयागराज गया था। वहां सबसे पहले मां गंगा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए दोनों उपमुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों संग स्वच्छता अभियान चलाया। फिर मां गंगा का पूजन कर कृतज्ञता ज्ञापित की, क्योंकि इतना बड़ा आयोजन उन्हीं की कृपा से संपन्न हुआ। फिर स्वच्छता कर्मियों का सम्मान व सहभोज भी किया। उनके न्यूनतम वेतन की मांग को जल्द (अप्रैल) लागू करने जा रहे हैं। उनके लिए बोनस की भी घोषणा की।
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