
गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने गोरखपुर में गोरखा युद्ध स्मारक और संग्रहालय (Gorkha War Memorial and Museum in Gorakhpur) का शिलान्यास एवं भूमिपूजन किया (Laid the Foundation Stone and performed Bhoomi Pujan) ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गोरखपुर दौरे के दूसरे दिन विकास और वीरता के सम्मान को समर्पित कई महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की। दिन की शुरुआत गीडा में कोको कोला फैक्ट्री से जुड़ी करोड़ों रुपए की परियोजनाओं के शुभारंभ के साथ हुई। इसके बाद गोरखा रिक्रूटिंग डिपो (जीआरडी) में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गोरखा युद्ध स्मारक के सौंदर्यीकरण और संग्रहालय निर्माण का शिलान्यास किया। 45 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली यह परियोजना गोरखा सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान को सम्मानित करने के साथ-साथ भारत-नेपाल के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करेगी। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संग्रहालय का भूमिपूजन किया और परिसर में स्थित मां काली मंदिर में पूजा-अर्चना की। कार्यक्रम में गोरखा रेजीमेंट की वीरता को दर्शाने वाली एक लघु फिल्म दिखाई गई, जिसमें जवानों की शौर्यगाथाएं जीवंत रूप में प्रस्तुत की गईं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गोरखा जवानों ने अपनी परंपराओं को दर्शाते हुए नृत्य और गीत प्रस्तुत किए, जो दर्शकों के लिए मंत्रमुग्ध करने वाले थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद गोरखा सैनिकों के परिवारों की वीर महिलाओं को सम्मानित भी किया।
अपने संबोधन में सीएम योगी ने रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा, “जला अस्थियां बारी-बारी चिटकाई जिनमें चिंगारी, जो मर गए मातृभूमि के लिए बिना किसी कीमत के मोल, कलम आज उनकी जय बोल ।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंच प्रण का जिक्र करते हुए गोरखा सैनिकों की वीरता को देश की गौरवशाली विरासत बताया। उन्होंने कहा, “जय महाकाली, जय गोरखाली के उद्घोष के साथ जब गोरखा सैनिक शत्रु पर टूट पड़ते हैं, तो दुश्मन पीछे हटने को मजबूर हो जाता है।” उन्होंने 1816 के ब्रिटिश-गोरखा युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि गोरखा सैनिकों की वीरता के सामने ब्रिटिश सेना को संधि करनी पड़ी। स्वतंत्र भारत में भी गोरखा सैनिकों ने विभिन्न मोर्चों पर दुश्मनों को परास्त किया।
सीएम योगी ने महायोगी गुरु गोरखनाथ की परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां गोरखनाथ मंदिर हैं, वहां मां काली की पूजा अनिवार्य है, जो शिव और शक्ति के समन्वय का प्रतीक है। यह समन्वय ही गोरखा सैनिकों की मौत से बेखौफ होकर लड़ने की शक्ति का स्रोत है । सीएम योगी ने इस स्मारक को आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बताते हुए कहा कि यह 100 वर्ष पुराना स्मारक अब भव्य रूप लेगा। यहां म्यूजियम में गोरखा रेजीमेंट के पुराने यूनिफॉर्म, हथियार, अस्त्र-शस्त्र और युद्ध कला के परिवर्तनों को प्रदर्शित किया जाएगा। इससे युवा पीढ़ी को इतिहास से सीखने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने सीडीएस जनरल अनिल चौहान को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी व्यस्तता के बावजूद इस कार्यक्रम में शामिल होना गोरखा रेजीमेंट के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश सरकार की पहलों का जिक्र किया, जैसे पुलिस बल में स्मारकों का निर्माण, शहीदों के परिवारों को 50 लाख रुपए की सहायता, नौकरी और स्मारकों का नामकरण। उन्होंने अग्निवीर योजना के तहत लौटने वाले जवानों के लिए पुलिस में 20 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा भी दोहराई ।
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