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चीन-अमेरिका लड़ते रह गए भारत ने कर दिया खेल, बन रही दुनिया की सबसे छोटी चिप, जानें…

September 17, 2025

नई दिल्ली। भारत (India) अब सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री (semiconductor industry) में तेजी से अपनी पहचान बना रहा है. 16 सितंबर को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने घोषणा की कि दुनिया की सबसे एडवांस चिप्स, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सर्वर, ड्रोन और मोबाइल फोन्स को पावर देती हैं, अब भारत में डिजाइन की जाएंगी. ब्रिटिश कंपनी ARM का नया बेंगलुरु यूनिट 2 नैनोमीटर चिप्स पर काम करेगा.

क्यों खास है ARM का कदम?
बेंगलुरु में ARM के नए ऑफिस का उद्घाटन करते हुए मंत्री ने कहा – “ARM यहां 2 नैनोमीटर चिप्स डिजाइन करेगा. इसके लिए ARM और पूरी टीम को बधाई.” यह कदम भारत को दुनिया के उन चुनिंदा देशों की कतार में खड़ा करता है जहां सबसे एडवांस नैनोमीटर लेवल की चिप्स डिजाइन की जा रही हैं.


भारत का सेमीकंडक्टर मिशन कहां तक पहुंचा?
भारत ने जनवरी 2022 में सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की थी. इसका मकसद सिर्फ फैक्ट्री खोलना नहीं बल्कि एक पूरा इकोसिस्टम तैयार करना है.
मंत्री वैष्णव ने बताया:
• अभी देश में 10 यूनिट्स पर काम चल रहा है.
• इनमें दो फैब यूनिट और आठ असेंबली व टेस्ट यूनिट्स शामिल हैं.
• इनमें से एक यूनिट CG Semi ने पायलट प्रोडक्शन शुरू कर दिया है.
• दो और यूनिट्स बहुत जल्द पायलट प्रोडक्शन शुरू करेंगी.

क्या सप्लाई चेन भारत आ रही है?
मंत्री ने कहा कि चिप बनाने में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर केमिकल्स, गैसेस और सब्सट्रेट्स अब भारत में ही तैयार होंगे.
• चिप फैब्रिकेशन के लिए 500 से ज्यादा केमिकल्स और 50 तरह की गैसों की जरूरत होती है.
• इनमें से ज्यादातर कंपनियां अब भारत में अपने पार्टनर्स और मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लगा रही हैं.
• सब्सट्रेट मैन्युफैक्चरर्स भी भारत आ चुके हैं, जिससे पूरा इकोसिस्टम मजबूत हो रहा है.

सेमीकंडक्टर मिशन 2.0 में क्या होगा?
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अब भारत का लक्ष्य सिर्फ चिप डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग तक सीमित नहीं रहेगा.
• वर्जन 2.0 में फोकस चिप बनाने वाली मशीनरी और मटेरियल्स पर होगा.
• भारत पूरे सेमीकंडक्टर स्टैक पर काम करेगा—
• डिजाइन
• चिप मैन्युफैक्चरिंग
• चिप बनाने वाली मशीनों की मैन्युफैक्चरिंग
• चिप बनाने के लिए जरूरी मटेरियल्स
• और स्किल्ड टैलेंट पाइपलाइन

भारत के लिए क्या मायने रखता है यह कदम?
ARM जैसी बड़ी कंपनी का भारत में 2 नैनोमीटर चिप्स डिजाइन करना न सिर्फ टेक्नोलॉजी के मामले में बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह निवेश, रोजगार और टेक्नोलॉजी लीडरशिप की दिशा में बड़ा कदम है. इससे भारत ग्लोबल सप्लाई चेन में अपनी मजबूत जगह बनाएगा और “मेक इन इंडिया” विजन को नई ऊंचाई मिलेगी.

FAQs
Q1. ARM भारत में क्या काम करेगा?
बेंगलुरु यूनिट में 2 नैनोमीटर जैसी एडवांस चिप्स डिजाइन होंगी.

Q2. भारत का सेमीकंडक्टर मिशन कब शुरू हुआ था?
जनवरी 2022 में.

Q3. अभी कितनी यूनिट्स पर काम चल रहा है?
कुल 10 यूनिट्स—2 फैब और 8 असेंबली/टेस्ट यूनिट्स.

Q4. सेमीकंडक्टर मिशन 2.0 का फोकस क्या है?
चिप बनाने के लिए जरूरी मशीनरी, मटेरियल्स और टैलेंट डेवलपमेंट.

Q5. भारत में चिप सप्लाई चेन क्यों आ रही है?
क्योंकि अब केमिकल्स, गैसेस और सब्सट्रेट्स बनाने वाली कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं

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